नवरात्र के आखिरी दिन जरूर जानिए माँ सिद्धिदात्री के बारे में
आप सभी जानते ही हैं नवरात्रि का त्यौहार इन दिनों धूम धाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में आज नवरात्रि का आखिरी दिन है और इस दिन माँ के नौवे रूप यानी माँ सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं माँ सिद्धिदात्री के बारे में.
माँ सिद्धिदात्री-
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व- ये आठ सिद्धियाँ होती हैं और ब्रह्मवैवर्त पुराण के श्रीकृष्ण जन्म खंड में यह संख्या अठारह बताई गई है। वहीं कहते हैं माँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं और देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था और इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। कहा जाता है इस वजह से वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए। वहीं माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं और इनका वाहन सिंह है। इसी के साथ यह कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं और इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है। वहीं हर एक मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह माँ सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त करने का निरंतर प्रयत्न करे। इसी के साथ उनकी आराधना की ओर अग्रसर हो.
मंत्र
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि.. सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी..
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