यहां मिलते हैं 9 पत्तियों वाले बेलपत्र
आप सभी ने पुराणों और धार्मिक कथाओं में बिल्ब पत्र के बारे में सुना होगा। इस पत्र को साधारण भाषा में बेल पत्र कहते हैं। जी दरअसल अगर मान्यताओं को माने तो इसकी उत्पत्ति मां भगवती के पसीने की बूंद से मैकल पर्वत पर हुई थी। कहा जाता है इसी के कारण यह भोलेनाथ को अधिक प्रिय है। वैसे इसी वजह से भगवान शंकर से जुड़ा कोई भी अनुष्ठान हो तो इसका प्रयोग जरूर किया जाता है। अब आज हम आपको जिस बेलपत्र के बारे में बताने जा रहे हैं उसके बारे में जानकर आपको हैरानी होगी। वैसे तो आम तौर पर बेल पत्र 3 पत्तियों वाले होते हैं, लेकिन मंडला जिले की हिरदेनगर की शिव वाटिका में जो बेल पत्र पाए जाते हैं, इन बेल पत्र में 5 से लेकर और 9 पत्तियां तक होती हैं।
जी हाँ, यह सुनकर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सच है। ऐसा माना जाता है 3 तीन से ज्यादा दलों वाली बेल पत्र मिल जाए, तो उसे भगवान शंकर को चढ़ाने के बाद घर के मुख्य दरवाज़े में फ्रेम में करवाकर रख लेना चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर इसे रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करना चाहिए।
वैसे इसे आप रामायण या धार्मिक किताबों में दबा कर रख सकते हैं या फिर तिज़ोरी व आलमारी, या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रख सकते हैं क्योंकि इससे अद्भुत और बड़े अनोखे फल प्राप्त होते हैं। वैसे हम आपको यह भी बता दें कि 3 से अधिक पत्तियों वाले बेलपत्र पेड़ भारत मे लाखों में एक पाए जाते हैं वहीँ यह पेड़ ज्यादातर नेपाल में मिलते हैं।
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