इस वजह से नंदी के कान में बोलते ही पूरी हो जाती है मन्नत
भोलेनाथ के कई भक्त हैं जो उन तक अपनी मांग पहुँचाने के नंदी का सहारा लेते हैं. जी हाँ, कहते हैं, भगवान शिव से कुछ भी मांगों तो वह मन्नत जल्द पूरी कर देते हैं लेकिन उन तक मन्नत पहुंचाने के लिए आपको काफी दिनों तक मेहनत करनी होती है और अगर आप मेहनत नहीं करना चाहते तो आप नंदी महाराज का सहारा ले सकते हैं. जी हाँ, नंदी महाराज आपकी मन्नत को भोलेनाथ तक पंहुचा सकते हैं अगर आप उनके कान में बोल दें तो. वैसे तो आप सभी ने अब तक देखा ही होगा कई हर शिव मंदिर में शिव के साथ नंदी विराजमान रहता है और शास्त्रों के अनुसार अगर मंदिर में जाकर नंदी के कान में चुपके से कोई मन्नत मांगी जाए तो ये मनोकामना पूरी होती है. कभी आपने सोचा है कई आखिर ऐसा क्यों..? अगर आपने सोचा है तो आइए हम आपको बताते हैं इसके पीछे क्या कारण है..? जी दरअसल इसके पीछे एक कथा है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं..
कथा
श्रीलाद मुनि एक ब्रह्मचारी थे और उन्हें एक बालक खेत में पड़ा हुआ मिला, वे उसे लेकर अपने आश्रम आ गए और बालक का नाम नंदी रखा. नंदी शिवभक्त था, एक बार दो साधु श्रीलाद मुनि के आश्रम में आए और उन्होंने भविष्यवाणी की कि नंदी अल्पायु हैं और कम उम्र में ही उनकी मृत्यु हो जाएगी.
ये जानकर नंदी को दुख हुआ और वो भगवान शिव की तपस्या में लीन हो गए. भोलेनाथ नंदी की तपस्या से प्रसन्न हुए और नंदी को अजर - अमर होने का वरदान देकर उन्हें अपने साथ ले गए. भगवान शिव और पार्वती ने सभी गणों के समक्ष गणों के अधिपति के रूप में नंदी का अभिषेक करवाया. भगवान शिव ने नंदी को वरदान दिया कि जहां उनका निवास होगा वहां नंदी भी विराजमान होंगे और जो भी व्यक्ति नंदी की पूजा कर उनके कान में अपनी मनोकामना कहेगा उसकी वो मनोकामना पूरी होगी."
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