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आज है हरियाली अमावस्या, जानिए यहाँ इसके बारे में

Hariyali Amavasya 2020 why hariyali amavasya celebrated

आप सभी को बता दें कि आज हरियाली अमवस्या है. जी दरअसल श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं और यह देश के कई भागों में मनाई जाती है. वैसे आप सभी को हम यह भी बता दें कि इस दिन नदियों व जलाशयों के किनारे स्नान के बाद भगवान का पूजन-अर्चन करने के बाद शुभ मुहूर्त में वृक्षों लगाते हैं. इसी के साथ शास्त्रों में विशेषकर आम, आंवला, पीपल, वटवृक्ष और नीम के पौधों को रोपने का विशेष महत्व बताया जा चुका है. वहीं भारतीय संस्कृति में पुराने समय से पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है. 

इसके अलावा पर्यावरण को संरक्षित करने की दृष्टि से ही पेड़-पौधों में ईश्वरीय रूप को स्थान देकर उनकी पूजा का विधान कहा गया है. इसके अलावा जल में वरुण देवता की परिकल्पना कर नदियों व सरोवरों को स्वच्छ व पवित्र रखने की बात कही गई है. इसी के साथ वायुमंडल की शुचिता के लिए वायु को देवता कहा जाता है. वहीं वेदों व ऋचाओं में इनके महत्व के बारे में जानकारी दी है. इसी के साथ शास्त्रों में पृथ्वी, आकाश, जल, वनस्पति एवं औषधि को शांत रखने के लिए कहते हैं. जी दरअसल इसका आशय यह है कि इन्हें प्रदूषण से बचाया जाए. अगर यह सब संरक्षित व सुरक्षित होंगे तभी हमारा जीवन भी सुरक्षित व सुखी रह सकेगा. वहीं इस दिन कई शहरों व गांवों में हरियाली अमावस्या के मेलों का आयोजन करते हैं.

वहीं इसमें सभी वर्ग के लोगों के साथ युवा भी शामिल हो सकते हैं और उत्सव व आनंद से पर्व मना सकते हैं. इसी के साथ इस दिन गुड़ व गेहूं की धानी का प्रसाद दिया जाता है. इस दिन स्त्री व पुरुष गेहूं, जुवार, चना व मक्का की सांकेतिक बुआई करते हैं जिससे कृषि उत्पादन की स्थिति क्या होगी, इसका अनुमान लगाया जाता है. आप सभी को हम यह भी बता दें कि मध्यप्रदेश में मालवा व निमाड़, राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम, गुजरात के पूर्वोत्तर क्षेत्रों, उत्तरप्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी इलाकों के साथ ही हरियाणा व पंजाब में हरियाली अमावस्या को इसी तरह पर्व के रूप में मनाते हैं.

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