इन्दौरी तड़का : बड़े अब सूबे सूबे नहाने का कोई नी केगा
हाँ बड़े अब ठंड आ गई है अब कोई नी केगा की उठो और जाके नाहा लो। बड़े अपना खुद का मन नी होगा की उठे और नाहा ले। कसम से इंदौर वाले तो अब नहाने का नाम ही नी लेंगे गलती से बी कोई बाथरूम में घुस गया तो सिर्फ हाथ पैर धोके बाहर आ जाएगा और ज्यादा कुछ नी। भिया कसम से ऐसे बावले है ना इंदौर वाले की क्या कउ। अब यां पे कुछ लोग ऐसे मिलेंगे जो मुँह से हर जगे पे बस धुंआ ही निकालेंगे, कोई ऐसा मिल जाएगा जो दो हफ्ते में एक बार बाथरूम में घुसेगा वो बी नहाने को नी बल्कि हाथ मुँह को पानी देने को, कोई ऐसा मिल जाएगा जो इत्ती ठंड में बी ५६ दूकान वाली आइस क्रम नी छोड़ेगा, कोई ऐसा मिल जाएगा जो इत्ती ठंड में बी नाइट आउट पे जाएगा, कोई ऐसा जो अपनी रजाई से निकलने को मानेगा ही नी, तो कोई ऐसा जिससे भले ही कित्ती मगजमारी करवा लो लेकिन उसको बिस्तर से उठने का ना बोलो बस।
बड़े ऐसे ही बावले बावले लोग मिलेंगे अपने इंदौर में। बावा कसम से इंदौरियों को तुम ठंड में देखो कोई तो ऐसे सयाने बन के घूमेंगे जैसे ठंड का नामो निशाँ बी नी लग रिया हो, और कोई ऐसे ओढ़ बिड के घूमेगा जैसे सारे इंदौर की ठंड उसी में जमे जा री हो।