इन्दौरी तड़का : बावा अबी तो भोत भेंकर वाली भीड़ है खजराने में
हाँ बावा इंदौर में आजकल गणेशा का ही बोल बाला है। आज कल सब के सब खजराने में ही मिलेंगे। बड़े खजराना है ही गणपति की जगह वहां पे और सारे इंदौर पे बप्पा का ही बोल बाला है। हर जगे पे इनका नाम लेके सारा काम निकलवा लेते है इंदौरी। इन्दोरियों के कसम से भगवान गणेश से भोत पटती है इनको कुछ बी चिए होता है तो ये खजराने पोच जाते है और वहां जाके मांग लेते है और फिर तो इनकी सारी मुरादे पूरी होनी ही है। बड़े कसम से बप्पा सबकी सुनते है कोई ऐसा नी है जिसकी वो नी सुने। भिया अपने पप्पा की नी सुनते हो तो वो अलग मेटर है क्योंकि वैसे बी अपने इंदौर में कोई ऐसा नी है जो अपने पप्पा की सुनता हो। भिया ऐसा ही लफड़ा फंसा रेता है यहाँ पे। सब के सब एक नंबर के ऐबले है कोई अपने पप्पा की नी सुनता तो ट्रेफिक पुलिस वालों क्या सुनेगा।
बड़े यहाँ पे सीग्नल बी इसी कारण तो तू जाते है। बाकी अब जब तक बप्पा बैठे है तब तक तो खजराने में लपक लड्डू बटेंगे भीड़ रेगी और सब भक्त बनके घूमेंगे। भिया अब तो जो चिकन नी खाते वो 10 दिन चिकन ही नी खाएंगे। क्योंकि अपने बप्पा बैठे है। बड़े इंदौरी ऐसे ही है।
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