इंदौरी तड़का : तू मेरेको Love You Too बोलती है की मैं नस काट लू
इंदौरी तड़का : सूबे की राम राम चच्चा। और क्या हाल बढ़िया। ताऊ तुमने सुना ये अपने इंदौर में एक लड़की ने छोरे को खूब लपक के सुता। कायको मालम है, अरे भिया वो हुआ क्या की वो छोरा बोत दिन से छोरी के पीछे पड़ा था और बात बात पे एक ही धमकी दे मैं अपने हाथ की नस काट लूंगा अगर तू नी मानेगी तो। लो बताओ ताऊ अब ये भी कोई बात होवे है के। अपने इंदौर के ये आशिक मिजाज छोरे बी बड़े ल्पपास है। जरा से में छोरी के पीछे पड़ जाएंगे और अगर छोरी ने इनको गलती से बी मना कर दिया तो इनके नाटक शुरू मैं नस काट लूंगा, गाडी के नीचे आके मर जाऊंगा, छत से कूद जाऊंगा, नी तो तेको ही उठवा लूंगा फलाना ढिमका।
मतलब हद करते है आज कल के ये छोरे, सब के सब एबले है रे यहाँ। वही दूसरे शहरो की बात कर लो लड़के वहां पे लड़की को रेस्टोरेंट्स ले जाते है चाय, कॉफी पिलाते है, फिर अंगूठी देके आई लव यू कहते है और लड़की बी शरमा के आखिर मान जाती है।
और ताऊ अपने यहाँ रस्ते में छोरी दिख बी गई तो वहीँ ये इन्दोरी छोरे पैर पकड़ने लगते है मान जा मान जा मैं मर जाऊंगा मान जा। और फिर छोरी लैप के सुताई करती है तब कई जाके इन लौंडो को सम्पट पड़ती है की छोरी बस की नी है। अब क्या बताओ यार भिया यार कुछ नी हो सकता ये इंदौरी लौंडो का। ये छोरी को ऐसे ही मनाते रे जाएंगे और छोरी किसी और के साथ फुर्ररर हो जावेगी।
इंदौरी तड़का : यार भिया यार तुम अलग नी मान रिए हो, बोला ना तुमसे नी हो पाएगा
इंदौरी तड़का : भिया इस बजट ने तो अपने अरमानो की बारा बजा दी रे
इंदौरी तड़का : भिया ये इंदौरी बच्चो की ज़िन्दगी एग्जाम हॉल में मुजरा करती है मुजरा
इन्दौरी तड़का : सुबे से लेके शाम तक इंदौर में लोगों की ज़िन्दगी झंड रेती है