13 जनवरी को है लोहड़ी, जानिए क्यों मनाते हैं यह पर्व

लोहड़ी का पर्व हर साल मनाया जाता है और इसे उत्तर भारत में 13 जनवरी को मनाया जाता है जो जल्द ही आने वाली है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों मनाते हैं लोहड़ी का पर्व।

क्यों मनाते हैं लोहड़ी का पर्व
कहा जाता है लोहड़ी का पर्व लोग प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए मनाते हैं। आप जानते ही होंगे लोहड़ी के अगले दिन मकर संक्रांति का पर्व होता है। ऐसा माना जाता है कि पंजाबी और सिख लोग इसे ख़ास मानते हैं और लोहड़ी के दिन वह फसल पकने की खुशी को जाहिर करते हैं। वहीं हिंदू धर्म के लोग अगले दिन यानी मकर संक्रांति को फसल पकने पर भगवान का धन्यवाद करते हैं। लोहड़ी का पर्व नवविवाहित दंपति और घर में आए नए शिशु के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

जी दरअसल इस दिन नवविवाहित दंपत्ति सज धजकर, नए वस्त्र पहनकर लोहड़ी मनाते हैं और लोहड़ी की जलती हुई लकड़ियों में मूंगफली और गजक डालकर अपने वैवाहिक सुख की कामना करते हैं। कहा जाता है इस दिन कई जगहों पर जमकर नाच गाने होते हैं और काफी उत्साह के साथ लोग जश्न मनाते हैं। वैसे लोहड़ी को मुख्य रूप से फसल के बोने और कटने का त्योहार माना जाता है। कहा जाता है यह दिन लोहड़ी की आग जलाने का होता है। उसी के आस-पास लोग इकट्ठा होते हैं और नाचते गाते हैं। इस दिन लड़कियां पंजाब का लोक नृत्य गिद्दा और लड़के भांगड़ा करते हैं।
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