5 जुलाई को है चंद्रग्रहण, यहाँ जानिए कथा
चंद्रग्रहण हर साल लगता है. ऐसे में इस साल यह आने वाले 5 जुलाई को लगने वाला है. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं चंद्रग्रहण के लगने की पीछे की कथा जो आपको शायद ही पता होगी. आइए जानते हैं.
चंद्रग्रहण की कथा
समुद्र मंथन के दौरान जब देवों और दानवों के साथ अमृत पान के लिए विवाद हुआ तो इसको सुलझाने के लिए मोहनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया. जब भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बिठा दिया.
लेकिन असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान कर लिया. देवों की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहु को ऐसा करते हुए देख लिया. इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी, जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया. लेकिन राहु ने अमृत पान किया हुआ था, जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सिर वाला भाग राहु और धड़ वाला भाग केतु के नाम से जाना गया. इसी कारण राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को ग्रस लेते हैं. इसलिए चंद्रग्रहण होता है.
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