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जानिए लड़ाई करके बाली से कैसे जीत गए थे हनुमान

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हिन्दू धर्म में कई कथा हैं जिनके बारे में आप जानते भी होंगे और नहीं भी. ऐसे में आज हम आपको रामयण की एक शानदार कथा बताने जा रहे हैं जो एक मजबूत लॉजिक से भरी है. आइए जानते हैं. रामायण से जुड़ी एक कथा के अनुसार बाली को इस बात का घमंड हो गया था कि दुनिया में कोई उसे नहीं हरा सकता है. एक बार की बात है, राम भक्त हनुमान वन में तपस्या कर रहे थे. उसी समय बाली भी वहां पहुंचा और घमंड में चूर हनुमान जी की तपस्या में विघ्न डालने लगा. हनुमान जी ने पहले तो ध्यान नहीं दिया लेकिन बाली रूकने का नाम नहीं ले रहा था. वह लगातार जोर-जोर से यह भी कह रहा था कि उसे कोई नहीं हरा सकता. इस पर हनुमान जी ने कहा, ''वानर राज आप अति-बलशाली हैं, आपको कोई नहीं हरा सकता, लेकिन आप इस तरह चिल्ला क्यों रहे हैं?'' यह सुनकर बाली चिढ़ गया. उसने हनुमान जी को चुनौती देते हुए कहा कि वे जिसकी भक्ति कर रहे हैं, वह उन्हें भी हरा सकता है. ऐसा सुन हनुमान को क्रोध आ गया है और उन्होंने बाली की लड़ाई चुनौती स्वीकार कर ली. यह तय हुआ कि अगले दिन दोनों के बीच दंगल होगा. हनुमान अगले दिन दंगल के लिए जा ही रहे थे कि तभी ब्रह्माजी प्रकट हुए. ब्रह्माजी ने हनुमान को बहुत समझाने की कोशिश की वे लड़ाई के लिए नहीं जाए लेकिन वे हनुमान नहीं माने. हनुमान ने कहा कि बाली ने उनके प्रभु श्रीराम को चुनौती दी है. ऐसे में उसे जवाब नहीं देना उचित नहीं होगा. इस पर ब्रह्माजी ने हनुमान जी से कहा कि वे जाकर बाली से लड़ सकते हैं लेकिन बेहतर होगा कि वे अपनी शक्ति का 10वां हिस्सा ही लेकर युद्ध के लिए जाएं. ब्रह्माजी ने कहा कि हनुमान अपनी शेष शक्ति अपने आराध्य के चरण में समर्पित कर दें और दंगल से लौटकर यह शक्ति फिर हासिल कर लें.

ऐसा सुनकर हनुमानजी मान गए और अपनी कुल शक्ति का 10वां हिस्सा लेकर ही बाली से युद्ध के लिए गये.वरदान के अनुसार दंगल के मैदान में हनुमानजी जैसे ही बाली के सामने आये, उनकीशक्ति का आधा हिस्सा बाली के शरीर में आ गया. इससे बाली को अपने शरीर में अपार शक्ति का अहसास होने लगा. थोड़ी ही देर में उसे ऐसा लगने लगा कि जल्द ही मानो उसके शरीर की नसें फट जाएंगी. कहते हैं इसी दौरान ब्रह्माजी जी एक बार फिर प्रकट हुए और उन्होंने बाली से कहा कि खुद को जिंदा रखने के लिए वह तुरंत हनुमान से दूर भागना शुरू कर दे. बाली ने ऐसा ही किया. वह लगातार भागता रहा ताकि उसकी उर्जा खत्म होने लगे. कई मील दौड़ने के बाद उसे राहत महसूस हुई. उसने देखा कि सामने ब्रह्माजी खड़े हैं.

ब्रह्माजी ने बाली से कहा कि तुम खुद को दुनिया में सबसे शक्तिशाली समझते हो, लेकिन तुम्हारा शरीर हनुमान की शक्ति का थोड़ा सा हिस्सा भी नहीं संभाल पा रहा है जबकि वे केवल अपनी 10 प्रतिशत शक्ति लेकर लड़ने आये थे. सोचो यदि संपूर्ण शक्ति होती तो क्या करते? बाली को बात समझ आ गई और उसे अपनी गलती का अहसास हुआ. बाद में बाली ने हनुमानजी को प्रणाम किया और क्षमा मांगी.

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