जानिए भारत की इन सेनाओं के बारे में
फिल्म 'पद्मावती' को लेकर जो विवाद उठे हैं वो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे है. बढ़ते विवाद को देखते हुए रिलीज पर रोक लगा दी गई है और मेकर्स की ओर से फिल्म की रिलीज डेट को आगे बढ़ा दिया गया है. फिल्म की निर्माता कंपनी वायकॉम 18 ने रिलीज डेट आगे बढ़ाने की बात कही है, लेकिन यह किस तारीख को दर्शकों को दिखाई जाएगी, यह फिलहाल तय नहीं है.
करणी सेना के विरोध प्रदर्शन के बीच हाल ही में सेंसर बोर्ड ने भी फिल्म 'पद्मावती' को देखने से फिलहाल इंकार कर दिया. भारत की सुरक्षा के लिए वैसे तो तीन (भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना) सेनाएं हैं, जो देश की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहती हैं. लेकिन इसके अलावा भी कई सेनाएं हैं जो अपनी बात मनवाने के लिए धमकियां भी दे डालती हैं.
राजपूत करणी सेना
संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' और करणी सेना का विवाद शुरू हुआ पिछले साल से, जब उन्होंने शूटिंग के दौरान जमकर मारपीट की थी. बता दें, उस वक्त करणी सेना ने भंसाली के साथ भी मारपीट की थी. करणी सेना का आरोप है कि संजय ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ की है. इस सेना की स्थापना 2006 में हुई थी. इसके संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी हैं. इस सेना ने फिल्म जोधा अकबर का भी काफी विरोध किया था.
शिव सेना
शिव सेना का वो दौर कैसे भुलाया जा सकता है जब 2008 में महाराष्ट्र में बिहार और यूपी के लोगों की जमकर पिटाई की थी. उस वक्त शिव सेना ने बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर काफी अत्याचार किया था. शिव सेना हमेशा से ही मराठियों के साथ खड़ी रहती है. इस सेना को शिवाजी की आर्मी भी कहा जाता है, जिसकी स्थापना 19 जून 1999 को की गई और इसके संस्थापक बाल ठाकरे थे.
हिंदू सेना
हिंदू सेना ने दिल्ली के केरल हाउज की कैंटीन में घुसकर कैंटीन के लोगों को धमकी दी थी. उनका दावा था कि केरल हाउज कैंटीन में गौमांस परोसा जाता है. हिंदू सेना ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर वो गौमांस बनाना बंद नहीं करते हैं तो वो हिंसा पर उतर जाएंगे. इस सेना का निर्माण 10 अगस्त 2011 में किया गया था.
रिपब्लिकन सेना
ये वही सेना है जो 2011 में मुंबई के इंदु मिल में घुसे थे फिर बाबासाहेब अंबेडकर का वर्ल्ड क्लास स्मारक बनाने की मांग कर जमकर तोड़फोड़ की थी. आनंदराज जो रिपब्लिकन सेना के अध्यक्ष हैं वो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पोते हैं.
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