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क्या आप जानते हैं कौन थी नूरजहां

The Mughal queen who became a feminist icon Nur Jahan

नूरजहां को तो आप सभी जानते ही होंगे। वह 17वीं सदी की भारत की सबसे ताकतवर महिला में से एक थीं। आपको बता दें कि नूरजहां की कहानियां उत्तर भारत के आगरा और उत्तर पाकिस्तान के घरों और एतिहासिक इमारतों में सुनाई जाती हैं। वहीं नूरजहां के समय में आगरा और लाहौर मुगल शासन के दौरान दो प्रमुख शहर थे। जी दरअसल इन शहरों के बड़े-बुजुर्ग, टूरिस्ट गाइड और इतिहास को जानने वाले नूरजहां की कहानियां सुनाते हैं कि कैसे वो और जहांगीर एक दूसरे से प्यार करने लगे और कैसे नूरजहां ने एक आदमखोर बाघ का शिकार करके एक गांव को बचाया। वह कहते हैं कि किस तरह नूरजहां ने हाथी पर बैठे-बैठे उस आदमखोर बाघ पर गोली चलाई। जी हाँ, आपको यह भी बता दें कि नूरजहां एक आकर्षक महिला थीं जिन्होंने तमाम अड़चनों का सामना करते हुए मुगल शासन की कमान संभाली। इसी के साथ वो महान कवयित्री थीं, उन्हें शिकार करने में महारत हासिल थी और वो स्थापत्य कला में नए-नए प्रयोग करने की शौकीन थीं। आपको बता दें कि नूरजहां ने आगरा में अपने माता-पिता के मकबरे का डिजाइन तैयार किया और ताजमहल की डिजाइन भी इसी से प्रेरित है। 

इसी के साथ वो पुरुषों के दबदबे वाली दुनिया में एक शानदार नेता बनकर सामने आईं और नूरजहां शाही परिवार से ताल्लुक नहीं रखती थीं, इसके बाद भी वो मलिका से लेकर कुशल राजनेता और जहांगीर की पसंदीदा पत्नी बनीं और उन्होंने विशाल मुगल साम्राज्य पर राज किया। नूरजहां उस वक्त में ताकतवर हो गईं थीं जब महिलाएं सार्वजनिक जीवन में मुश्किलों से घिरा दिखाती थीं आपको पहले तो यह बता दें कि नूरजहां का जन्म 1577 के करीब कंधार (आज के अफगानिस्तान) में हुआ था और उनके माता-पिता फारसी थे जिन्होंने सफवी शासन में बढ़ती असहिष्णुता की वजह से ईरान छोड़कर कंधार में शरण ली थी।

वहीं उस समय अरब और फारस के निवासी भारत को अल-हिंद कहते थे जिसकी संस्कृति समृद्ध और सहिष्णु थी और अल-हिंद में अलग-अलग धर्मों, रीति-रिवाजों और विचारों के लोगों के एक साथ शांति से रहने की सुविधा थी। एक युद्ध में नूरजहां के पति गवर्नर के आदमियों के साथ युद्ध में मारे गए और पति की मौत के बाद विधवा नूरजहां को जहांगीर के महल में शरण दी गई। उसके बाद सभी महिलाएं नूरजहां के सपोर्ट में आ गईं। बाद में साल 1611 में नूरजहां और जहांगीर की शादी हो गई और इस तरह नूरजहां जहांगीर की बीसवीं और आखिरी पत्नी बनीं। उस समय जहांगीर ने नूरजहां की एक तस्वीर भी बनाई और उस तस्वीर में उन्होंने नूरजहां को एक संवेदनशील साथी, ख्याल रखने वाली बेहतरीन महिला, कुशल सलाहकार, चतुर शिकारी, कूटनीतिज्ञ और कला की प्रशंसक के तौर पर चित्रित किया है। जो वह थीं।

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