यहाँ पुरुषो की तरह जीवन जीती है महिलाए, नहीं होती बिदाई-कर सकती है कितनी भी शादी
दुनिया भर में ज्यादातर देश पुरुष प्रधान है, यहाँ महिलाओ से ज्यादा पुरुषो की चलती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जनजाति के बारे में बताने जा रहे है. जहाँ पुरुषो का नहीं, महिलाओ का वर्चस्व है. यहाँ महिलाओ दुसरे पुरुष प्रधान समाज के उलट कई पुरुषो से शादी कर सकती है.
असम,बांग्लादेश और मेघालय में खासी जनजाति के लोग रहते है. इस जनजाति के लोग महिलाओ को पुरुषो से उप्पर मानते है. यहाँ के लोग लड़की पैदा होने पर जश्न मनाते है. वही अगर लड़का पैदा हो जाए तो ये लोग ख़ुशी नहीं मनाते है. यहाँ शादी के वक़्त लड़की की नहीं, बल्कि लड़के की बिदाई होती है और उसे लड़की के घर घरजमाई बन कर रहना पड़ता है.
इतना ही नहीं ये लोग अपनी सम्प्पति का वारिस भी लड़कियों को ही बनाते है. यहाँ की महिलाए चाहे तो वह कितने भी पुरुषो से शादी कर सकती है. इस सब के अलावा यहाँ परिवार की मुखिया भी महिलाए ही होती है. घर के हर फैसले में उन्ही का वर्चस्व होता है. हालाँकि पिछले कुछ सालो में पुरुषो द्वारा अपना हक़ माँगा गया है, उनका कहना है की हम महिलाओ को नीचे नहीं दिखाना चाहते है लेकिन हमे भी बराबरी का हक़ मिलना चाहिए.
अनोखी परंपरा : शादी से पहले युवती को बनना पड़ता है माँ
अनोखी प्रथा : पांडवों की तरह एक ही महिला से शादी करते है सभी भाई
रूसी सरकार का फैसला, 16 साल की हर लड़की का हो वर्जिनिटी टेस्ट