इस महिला की दर्दभरी कहानी सुन रो देंगे आप
इतना ही नहीं, मां की ऐसी हरकते देख अब पाउला भी सिल्विया को खूब मारती-पीटती. यहां तक कि पड़ोस के बच्चे भी मजे के लिए सिल्विया को मारने लगे थे. वे उसके चेहरे पर मुक्के से वार करते. तो कभी उसके हाथ-पैर बांध कर उसके कपड़े फाड़ देते. फिर उसके प्राइवेट पर भी हमला करते. वे उसे तब तक मारते जब तक उनका मन नहीं भर जाता. कई बार तो इतनी मारपीट कर देते थे कि सिल्विया बेहोश तक हो जाती. वहीं, गर्ट्रूड सिल्विया पर होने वाले इस अत्याचार के मजे लेती. वह उन बच्चों को कहती कि इसे और मारो. एक बार तो पाउला ने सिल्विया को इतनी जोर से मुक्का मारा कि उसका खुद का हाथ ही टूट गया. फिर जब उसे प्लास्टर लगा तो वह उस प्लास्टर से भी सिल्विया के पेट और चेहरे पर मुक्के मारती.
इन सब में सिल्विया की मां के अलावा इसमें कई छोटे के बच्चों के भी नाम भी शामिल थे. लेकिन उनकी उम्र कम होने की वजह से कोर्ट ने उन सभी को समझा-बुझाकर छोड़ दिया. कोर्ट में गर्ट्रूड ने सिल्विया की मौत का सारा दोषारोपण अपने बच्चों और पड़ोसियों के ऊपर डाल दिया. 19 मई 1966 के दिन कोर्ट ने गर्ट्रूड को सिल्विया की मौत का जिम्मेदार ठहराया और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई. पाउला को भी दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. बाकी बचे गुनहगार नाबालिग थे इसलिए जॉन, रिचर्ड और कॉय हबर्ड को 2 साल से 21 साल की सजा सुनाई गई. हालांकि, तीनों को 2 साल जेल में बिताने के बाद आजाद कर दिया गया. गर्ट्रूड और पाउला ने 20 साल जेल में काटे, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को दिसंबर 1985 में जेल से पेरोल पर रिहा किया गया. इसके 5 साल बाद लंग कैंसर की बीमारी का सामना करते हुए गर्ट्रूड की मौत हो गई.