लॉकडाउन में लाखों लोगों और जानवरों को लंगर खिला रहे हैं खैरा बाबाजी
इस संकट की स्थिति में बहुत सी ऐसी खबरें आ रहीं हैं जो दिल को छू लेने वाली है. अब इसी बीच एक खबर फिर आई है. जी दरअसल संकट की इस घड़ी में एक 81 साल के बुज़ुर्ग ने न सिर्फ़ उनके लिए लंगर की व्यवस्था कि बल्कि इंसानियत पर उनका विश्वास कायम रखने का काम किया. आप सभी को बता दें कि मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के यवतमाल में नेशनल हाईवे पर बने एक टिन शेड से बने गरुद्वारे में कई वर्षों से खैरा बाबाजी लोगों के लिए फ़्री में लंगर बनाते और बांटते हैं. वहीँ इस लॉकडाउन के बीच यहां से गुज़रने वाले लाखों लोगों को भी इन्होंने मुफ़्त में भोजन कराया और आज भी उनकी ये सेवा जारी है.
केवल इतना ही नहीं यह जानने के बाद आपको बड़ी ख़ुशी होगी कि वो इंसानों के अलावा यहां पर रहने वाले सैंकड़ों स्ड्रे डॉग्स, गाय, भैंस आदि को भी लंगर खिलाते हैं. जी हाँ और उनके लिए गुड़ की रोटी इसी छोटे से गुरुद्वारे में बनाई जाती है. वैसे जिस जगह पर खैरा बाबा जी ये लंगर चलाते हैं वहां से अच्छे खाने के रेस्टोरेंट/ढाबे आदि 450 किलोमीटर दूर हैं. बीते 2 महीने से वो यहां से गुज़रने वाले लाखों लोगों को लंगर खिला चुके हैं.
इस बारे में बाबा जी का कहना है- 'हमारे पास रोज़ाना लोगों की भीड़ यहां पहुंचती है. हम आदरपूर्वक उनका स्वागत करते हैं और उन्हें खाना खिलाते हैं. हम किसी के साथ भेदभाव नहीं करते. हमारे 17 सेवक हैं जिनमें 11 कुक हैं और बाकी हेल्पर्स. वो सभी दिन रात इनके लिए खाना बनाने में लगे रहते हैं, ताकी यहां जो आए उसे भरपेट और ताज़ा भोजन मिल सके.' इसी के साथ ही सामने आने वाली एक रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के दिनों में इन्होंने 15 लाख लोगों को खाना खिलाया और साथ ही 5 लाख खाने के पैकेट भी लोगों में बांटे जा चुके हैं जो सराहनीय है.
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