आखिर कैसे बदल जाता है आलू का रंग
कई बार हम जल्दबाजी में कुछ ख़राब सब्जियां भी खरीद लेते है जो बनाने समय भी नजर भी नहीं आती. ऐसी सब्जियों को खा हम बीमार पड़ जाते है. आजकल बाजार में कुछ खतरनाक सब्जियां भी मिल रही है जिन्हे खाना जहर खाने के बराबर ही है. ऐसी सब्जियों में आलू भी शामिल हो गया है. हरे आलू आपने भी कई बार खाये होंगे लेकिन अगर आप अभी भी हरे आलुओं का सेवन करते है तो अब जरा संभल जाईये. क्योकि ये आलू खा आप फ़ौरन बीमार पड़ सकते है.
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आलू हरा हो जाता है तब उसमें क्लोरोफिल बनने लगता है. क्लोरोफिल से सोलुनिन नाम का टॉक्सिन तैयार होने लगता है. अगर हममें से कोई इस इन्फेक्टेड आलू को खा लेता है तो उसका जी मचलने लगता है और पेट खराब होने जैसी समस्याएं हो जाती है. कई बार हमें लगता है कि आलू का छिलका ही हरा हुआ आबक अंदर से आलू सही है लेकिन ऐसा नहीं होता. छिलके का वाइरस आलू के अंदर फ़ैल जाता है.
ऐसे बदलता है आलू का रंग: आलू का रंग हरा तब हो जाता है जब इनपर लाइट पड़ती है या ये बहुत ज्यादा गरम या ठंडे तापमान रखें गए हो.