इन्दौरी तड़का : बड़े अपना तो एक ही गाना है "ज़िंदगी बर्बाद हो गिया"
Indori Tadka : हाँ बड़े यहाँ पे अबी बस एक ही गाना याद आता है वो सबको मालम ही है। इंदौर वालों की ज़िंदगी में कुछ करने को बचा ही नी है बस यहाँ के लोगो की ज़िंदगी बर्बाद ही होरी है। बर्बाद बर्बाद बर्बाद। वो बी इत्ती ज्यादा बर्बाद की क्या कहूं। बावा यहाँ पे हर एक के अलग अलग रोने है कोई पैसे के लिए रोता है तो कोई छोरी के लिए। कोई के ऑफिस के झंझट ही नी खत्म होते है तो कोई को घर के। कोई लड़की मेकअप ना होने के कारण पगला री है तो कोई मेकअप करने के बाद। कोई बच्चा रिजल्ट की टेंसन में मरे जा रिया है तो कोई घूमने में ही लगा है। कोई अपने आप को स्मार्ट बनाने पे तुला है और किसी का तो वहां ही नई जा रिया है। कोई हेलमेट की गर्मी से परेशान है और कोई तो अपनी जान बचाने पे तुला हुआ है। कोई अपनी शादी में मस्ती कर रिया है तो कोई दुसरो की शादी के लड्डू ठुसे जा रिया है।
बड़े यहाँ पे सबी की ज़िंदगी में इत्ते लोचे हो रिए है की सम्पट ही नी पड़ रिया है के करे तो के करें। सब के सब बस रोए जा रे है और गाए जा रे है ज़िंदगी बर्बाद हो गया, सब कुछ बर्बाद हो गया बड़े सच में सब बर्बाद हुआ जा रिया है जिसको देखो वो अपने ऑफिस से परेशान है, कोई घरवालों से परेशान है, कोई अपने बॉयफ्रैंड्स से परेशान है, कोई प्यार का मारा है, कोई अपने दोस्तों से परेशान है, कोई पैसो से परेशान है। बड़े सब के सब साले बस परेशान ही है कोई ऐसा नई है जिसकी ज़िंदगी आबाद हो यहाँ पे रहने वील हर एक की ज़िंदगी बर्बाद हो गया।
इन्दौरी तड़का : बड़े हेलमेट के बगैर यहाँ पे बाहर चले ना जाना
इन्दौरी तड़का : बड़े ये प्यार का तो लफड़ा ही बेकार है