इन्दौरी तड़का : अगर तुम लवर के होते सोते बी दूसरे पे लाइन मारते हो तो इंदौरी हो तुम
इन्दौरी तड़का : हाँ बड़े ये इंदौर जगे ही ऐसी है। यहां पे लोग ऐसे ही है सब के सब एक छोरी के साथ साथ दो तीन छोरिया और चलाते है। और अगर बात करूं छोरियों की तो वो बी कोई कम नी है सब एक से बढ़कर एक है। छोरियां तो एक नी दो नी तीन बी नी चार पांच पट्ठे रखती है। क्या करें उनको रिचार्ज जो मिल जाता है सबसे। बड़े यहाँ की छोरियां भोत भन्नाट तेज होती है। और एक नी सबी। भिया यहाँ पे सब के सब एक साथ दो दो नी चलाए जब तक मजा नी आता। सबको एक के साथ एक फ्री होना। बड़े यहाँ का तो ये नियम ही बन गया है सब ऐसे ही है सबको एक के साथ एक चिए होना।
और ऐसा बी नी है की जो सेट हो वो लाइन ना मारे। साला जो सेट होते है ना वो बी एक ना एक को और फंसाने की ताड़ में लगे ही रेते है। बड़े ये इंदौरी सबी ऐसे ही है क्या कहूं मैं। जसिको देखो अपने वालों को छोड़कर दुसरो में घुसे रेते है ऐसा लगता है जैसे ज़िंदगी में यहीं सब बचा है अब और कुछ है ही ना करने को। ये इंदौर रहवासों की ज़िंदगी बावा यहीं पटाने में, सेट करने में गुजरना है कुछ नी होना है इनका। ये कबी एक पे ठीके रे ही नी सकते। मालम नी क्या मिलता है धोखा देके। बावा अपनी सुनो एक रखो खुश रहो। कहाँ मुँह मारना सब जगे कुछ होना तो है नी, बीएस खर्चा ही होना है ले देके।
इन्दौरी तड़का : हर बात पे सिर्फ हव बोलते हो तो पक्के इन्दौरी हो तुम
इन्दौरी तड़का : हर बात पे ताव दिखाते हो, तो भिया इन्दौरी हो तुम
इन्दौरी तड़का : चलो भिया आज वाटरपार्क घूम आते है