17 अक्टूबर से होगी नवरात्रि की शुरुआत, जानिए कहानी
नवरात्रि आरम्भ होने में कुछ ही समय बचा हैं। ऐसे में आप सभी जानते ही होंगे कि इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से आरम्भ हो रही है और इसकी समाप्ति 25 अक्टूबर को होगी। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं नवरात्रि क्यों मनाते हैं।
नवरात्रि
पौराणिक कथाओं को माना जाए तो भगवान श्री राम ने ठीक पहले नवरात्रि मनाने की परंपरा शुरू की थी। जी दरअसल उन्होंने लंका जाने से पहले दुर्गा पूजा की और विजयी होकर लौटे। कहा जाता है नवरात्रि के दिनों में भक्त माँ दुर्गा का आह्वान करते हैं। आप सभी को बता दें कि "दुर्गा" का अर्थ दुःखो को दूर करने वाला है। वहीँ लोग उनकी पूजा पूरी श्रद्धा से करते हैं ताकि देवी दुर्गा उनके जीवन से दुखों को दूर कर सकें और उनके जीवन को सुख, आनंद और समृद्धि से भर सकें।
कहते हैं लोग पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ नवरात्रि पर देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। जी दरअसल नवरात्रि मां काली, लक्ष्मी, और सरस्वती के रूप में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। आपको बता दें कि पहले तीन दिन, देवी की पूजा काली के रूप में की जाती है जो हमारी सभी अशुद्धियों का नाश करने वाली होती है। इसी के साथ अगले तीन दिनों में, हम देवी माँ को लक्ष्मी के रूप में मानते हैं, जिन्हें अकूत धन का दाता माना जाता है। वहीँ अब इसके अगले तीन दिन देवी को ज्ञान और ज्ञान के देवी सरस्वती के रूप में पूजा जाता है। इसके बाद आठवें दिन को "अष्टमी" के रूप में और नौवें दिन को "महा नवमी" और चैत्र नवरात्रि पर "राम नवमी" के रूप में मनाते हैं। आपको बता दें कि नवरात्रि पर्व माँ दुर्गा के सम्मान में मनाया जाता है। ऐसे में माँ दुर्गा के नौ रूपों माता शैलपुत्री, माता ब्रह्मचारिणी, माता चंद्रघंटा, माता कुष्मांडा, माँ स्कंद माता, माँ कात्यायनी, माता कालरात्रि, माता महागौरी और माता सिद्धिदात्री का पूजन होता है।
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