आप सभी ने हवाई जहाज में सैर तो की ही होगी लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हवाई जहाज की खिड़की हमेशा गोल ही क्यों होती है? अगर सोचा है और आप नहीं जानते तो हम आपको बताते हैं क्यों? वैसे आपको प्लेन में ट्रे से लेकर टेलीविज़न सेट तक या नुकीले किनारों वाली कोई भी चीज़ नहीं मिलेगी। नुकीली चीजें शरीर के किसी भी हिस्से को चोट पहुंचा सकती हैं, चाहे वह कंधे, कूल्हे या कोहनी हों। जी हाँ और ऐसे हादसों से बचने के लिए हवाई जहाजों में इस तरह की डिजाइनिंग से परहेज किया जाता है। आपको बता दें कि हवा के दबाव के कारण चौकोर खिड़कियां टूटने की संभावना होती है और इस प्रकार की डिजाइनिंग में चार कमजोर धब्बे होते हैं, जो धक्का देने पर उड़ान के दौरान कांच के टूटने का कारण बन सकते हैं। तो खिड़कियों को गोल बना दिया जाता है या कोनों को घुमावदार कर दिया जाता है, जो कोनों में दबाव वितरित करता है और इसके टूटने की संभावना को कम करता है। जी दरअसल डिजाइन को न देखते हुए हर देश में लोगों की सुरक्षा के लिए ऐसी खिड़कियां लगाई जाती हैं। आप सभी को बता दें कि साल 1953 और 1954 में वर्गाकार खिड़कियों के कारण हवा के दबाव से दो विमान क्षतिग्रस्त हो गए थे। उस दौरान दुर्घटना का कारण उड़ान की खिड़कियां थीं। जी दरअसल जब भी हम प्लेन में बैठते हैं तो सोचते हैं कि हमें फ्लाइट मोड करने के लिए क्यों कहा जाता है? आप सभी को बता दें, ये नियम प्रत्येक विमान में केबिन क्रू की शांति और उनके ध्यान पर लागू होते हैं। ऐसे में अगर फोन को फ्लाइट मोड में नहीं रखा जाता है तो एयर ट्रैफिक कंट्रोल केबिन क्रू को शोर की समस्या हो सकती है और यह आवाज उनके रेडियो संचार के बीच में भी आ सकती है और उनका ध्यान भटका सकती है। इसके अलावा प्लेन में धूम्रपान की अनुमति नहीं है, लेकिन हां आप बाथरूम में जाकर धूम्रपान कर सकते हैं।