आखिर क्यों प्रियजन का सिर फोड़ते हैं चिता पर, जानिए यहाँ
हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि जन्म और मृत्यु जीवन का सत्य है. हमे पता है कि जिसने दुनिया में जन्म लिया है उसका जाना तय है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब शव को जलाने के लिए ले जाया जाता है तो क्यों मारते हैं शव के सिर पर. आइए बताते हैं.
जी दरअसल अंतिम संस्कार के दौरान जब शरीर को अग्नि दी जाती है तो शवदाह के मध्य में जिस शैय्या पर लिटाकर शव को श्मशान तक ले जाया गया होता है. वहीं उसी दौरान एक बांस निकालकर उससे शव के सिर पर चोट किया जाता है जिसे कपाल क्रिया कहते हैं. कहा जाता है इससे सांसारिक मोह में फंसा जीव शरीर के बंधन से मुक्त हो जाता है.
केवल इतना ही नहीं अंतिम संस्कार के अंत में जब परिवार के लोग श्मशान से लौटने लगते हैं तो सभी लोग पांच लकड़ी के टुकड़े 3 दाएं हाथ में और 2 बाएं हाथ में रखते हैं और शव दाह से उलटी दिशा में खड़े होकर सिर से ऊपर से लकड़ियों को पीछे की ओर फेंकते हैं और वापस घर लौटते हैं. आप सभी को बता दें कि इस क्रिया को पीछे मुड़कर नहीं देखना होता है. जी दरअसल ऐसा माना जाता है कि पांच लकड़ियों को फेंक कर मृत्यु को प्राप्त व्यक्ति की आत्मा से कहा जाता है कि अब तुम पंचतत्व में विलीन होकर इस संसार का मोह त्याग दो, अपने आगे के सफर के लिए बढ़ जाओ हम सब ने तुम्हारा मोह त्याग दिया है.
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