इन्दौरी तड़का : बड़े, यहां पे लड़कियां बी करती है माँ-भेन !
इन्दौरी तड़का : हाँ तो भिया सई के री है हम। यहाँ पे सिर्फ छोरे ही नी छोरियां बी माँ भेन करती है। जब यहाँ पे छोरियां अपनी गाडी ड्राइव कर री हो और आप बस थोड़ा सा उनके सामने आ जाओ या उनको कट मार दो, फिर देखो ऐसा रेडियो मिर्ची चल्लू हो जाएगा, की आपको अपने घर की क्या अपने आस पड़ोस की मम्मियां बी याद आ जाएंगी। यहाँ पे छोरियों के मुँह से बात बात पे गालियां निकालती है वो बी कोई छोटी मोटी नी डायरेक्ट माँ, भेन, भई सब कर देती है ये तो।
अबी कल की ही बात ले लो भिया ये बापट पे एक छोरी कान में इयरफोन ठूस के जा री थी पीछे से एक छोरा हॉर्न बजाए जा रिया था पन छोरी तो ईरफ़ोन ठुसी थी सुनइ ही नी दिया। तो छोरा कट मार के जैसे तैसे निकला, बस उसके बाद तो वो छोरी को जो माता आई की क्या बतऊ, शुरू हो गई वहीँ पे दे लपक के गाली पे गाली, गाली पे गाली। मान ही ही नी री थी, इत्ता चिल्ला री थी जैसे बेचारे छोरे की ही गलती हो।
बड़े ये छोरियां किसी की नई सुनती बेचारा लड़का अपनी सफाई पेश कर रिया था तो उसे चुप कराकर खुद भन्नाट बोले ही जा री थी। क्या बोलू भैया ये इंदौर की छोरियां कसम से बवाल है भिया बवाल। वैसे भिया बात बस इंदौर की ही नी है कहीं की भी छोरियों की बात कर लो ये छोरियां कबि बी अपनी गलती नी मानती भले ही छोरा सर के बल खड़ा हो जाए लेकिन ये गलती नई मानेंगी। बड़े मेरी मान तो इनसे उलझो ही ना तो ही अपन सबके लिए सई है।
इन्दौरी तड़का : आज खोल दो सारे कर्मकांड का चिट्ठा
इन्दौरी तड़का : बोत याद कर रिए है आज तो हम हमारे होने वाले लवर को
इन्दौरी तड़का : इंदौरियों की जान है राजवाड़ा और पोहा जलेबी
इंदौरी तड़का : भिया अब वेलेंटाइन्स के बाद तो सारे महांकाल के आसिक नजर आएँगे इंदौर में