इस वजह से राष्ट्रपति भवन को कहा जाता है वाइट हाउस
आप सभी इस बात से वाकिफ ही होंगे कि राष्ट्रपति भवन को अमेरिका में 'व्हाइट हाउस' कहते हैं लेकिन यह नहीं जानते होंगे कि आखिर क्यों कहते हैं. तो आइए आज हम उठाते हैं इस राज से पर्दा.
जी दरअसल हमेशा से इसका नाम व्हाइट हाउस नहीं था बल्कि जब इसका निर्माण हुआ था, तब इसका नाम 'प्रेसीडेंट्स पैलेस' या 'प्रेसीडेंट मैंशन' था. अब बताते हैं क्यों पड़ा इसका नाम वाइट हॉउस. कहा जाता है इसके नाम बदलने के पीछे 118 साल पुराना इतिहास है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. जी दरअसल आयरलैंड में पैदा हुए जेम्स होबन ने व्हाइट हाउस का डिजाइन तैयार किया था और इसका निर्माण कार्य वर्ष 1792 से 1800 के बीच यानी आठ साल में पूरा हो गया था. वहीं बहुत कम लोग जानते हैं कि व्हाइट हाउस जहां पर खड़ा है, वहां पर कभी जंगल और पहाड़ थे. जी हाँ, आपको बता दें कि व्हाइट हाउस में कुल 132 कमरे हैं. इसके अलावा इसमें 35 बाथरूम, 412 दरवाजे, 147 खिड़कियां, 28 अंगीठी, 8 सीढ़ियां और तीन लिफ्ट भी हैं. इसी के साथ छह मंजिला इस इमारत में दो बेसमेंट, दो पब्लिक फ्लोर और बाकी के फ्लोर को अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए सुरक्षित रखा गया है. वहां पांच फुलटाइम शेफ काम करते हैं और 140 मेहमानों के एकसाथ रात्रि भोजन की व्यवस्था भी वहां शामिल है.
कभी भी जब व्हाइट हाउस की बाहरी दीवारों को पेंट करना हो तो इसके लिए 570 गैलन रंग की जरूरत पड़ती है. कहते हैं साल 1994 में व्हाइट हाउस को पेंट करने का खर्च दो लाख 83 हजार डॉलर यानी करीब एक करोड़ 72 लाख रुपये से ज्यादा आया था. वहीं साल 1814 में ब्रिटिश आर्मी ने वाशिंगटन डीसी में बहुत सी जगहों पर आग लगा दी थी और इसमें व्हाइट हाउस भी शामिल था. कहते हैं इस आग की वजह से इसकी दीवारों की खूबसूरती चली गई, जिसके बाद इमारत को फिर से आकर्षक बनाने के लिए उसे सफेद रंग से रंग दिया गया और इसी के बाद से ही इसे 'व्हाइट हाउस' कहने लगे.
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