इन्दौरी तड़का : बड़े यहाँ पे हर बात हओ पे आके खत्म हो जाती है
हाँ भिया यहाँ पे अगर तुमको कोई बात को रफा दफा करना हो तो हओ के दो और पतली गली से निकल जाओ। यहाँ पे जब बी कोई मैटर निपटाना हो तो लोग यई काण्ड करते है हओ केते है और पतली गली से सटक लेते है। हओ केना तो यहाँ के लोगो की आदत हो गई है हर बात पे हओ। और अगर किसी बात को सुन सुन के इंसान पक गया हो तो हओ कहके अग्गे बढ़ जाता है और एक बार अग्गे बढ़ गया तो तुम क्या भगवान बी के दें की बेटा इसकी बात सुन लो तो कोई रुकने वाला ना है। बड़े यहाँ पे सब खुद की ज़िंदगी से ऐसे ही परेशान रेते है और ऊपर से लोग आधा जान और खाने आ जाते है तो हओ कहके ही निपटारा करना पड़ता है। और ऐसे जाके ही अग्गे की बात बनती है। बड़े यहाँ पे आजकल लोग हाँ बी नी केते है हओ का ही मतलब हाँ समझो सब बस।
माँ से पूछो बाहर जाऊ, तो जवाब रेता है हओ। यहाँ तक की यहाँ पे तो टीचर्स बी हाँ नी हओ केते है। सबके मुँह से हाँ की जगे पे हओ ही निकलता है। और बात को खत्म करने के लिए तो हर कोई यहाँ पे हओ का ही सहारा लेता है क्योंकि इसके बिना तो कोई का काम खत्म होना ही न है। और ना ही इसके बिना कोई की बात खत्म होवेगी।
इन्दौरी तड़का : बड़े सबकी जिंदगी में वाट लगी रेती है यहाँ पे
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इन्दौरी तड़का : बड़े सबसे ज्यादा सड़क जाम यहीं लगता है