इन्दौरी तड़का : बड़े दुनिया चाँद पे जा री है और यां पे सब टैग करने में लगे है
हाँ बड़े कसम से दुनिया यां पे चाँद पे चली बी गई आ बी गई और फिर जाने की तैयारी में है और हम इंदौर वालों को एक दूसरे को फेसबुक पे टैग करने से ही फुर्सत नी मिल री है. बड़े कसम से सम्पट ही नी पड़ रिया है कि हम इंदौर वालों को कब सम्पट पडेगा कि अग्गे बी बढ़ना है इस टैग कि दुनिया से बाहर निकलना है. मेरेको तो नी लगता कि हम सब कबि टैग कि दुनिया से कबि बाहर बी आ पाएंगे. मतलब इंदौर में सबको टैग करने का इत्ता लपक के शौक है कि क्या बोलो .सब के सब टैग में लगे रेते है हर समे बस टैग टैग टैग. बड़े इंदौर वाले अगर फ्री रेते है तो टैग करने बैठ जाते है, अगर खाना खाने गए तो टैग करने बैठ जाते है, अगर बाथरूम में पॉटी बी कर रे है तो वहां बैठे बैठे दिमाग लड़ाते है कि कोई टैग करने को छूटा तो नी जा रिया ना. मतलब इनकी ज़िंदगी में इत्ते टैग हो गए है ना कि अगर अपनी प्रोफाइल बी अपडेट कर रिए है तो उसमे बी टैग करेंगे ये.
भिया भोत बड़े वाले लोग मिल जाते है इंदौर में. इसलिए केते है इंदौर वालों से तो कबि भिड़ना ही नी चिए सारे पाप गिनवा देते है ये एक ही बार में. और धो बी यई देते है गंगा जाने कि जरूरत ही ना पड़े.
इन्दौरी तड़का : 56 कबी खाली नी रेता है इंदौर का
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