मासिक धर्म के दौरान आखिर क्यों मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती महिलाएं
आप सभी इस बात को जानते ही हैं कि पीरियड्स महिलाओं के लिए एक अभिशाप के जैसा माना जाता हैं और इस दौरान उन्हें घर के किचन और मंदिर में जाने की अनुमति नहीं होती है. कहते हैं कई जगहों पर महिलाओं के साथ पीरियड्स के दौरान बहुत बुरा बर्ताव किया जाता हैं और हिन्दू धर्म में महिलाओं को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी जाती है. कहा जाता है महिलाएं पीरियड्स में मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती है लेकिन ऐसा क्यों यह आज हम आपको बताने जा रहे हैं. आज हम बताने जा रहे हैं आपको अलग-अलग धर्मों में क्या है इसके पीछे का राज. हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्मों में मंदिर में महिलाओं के ना जाने वाले कारण आइए जानते हैं.
ईसाई धर्म
आप सभी को बता दें कि ईसाई धर्म में ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स का खून सूअर के मांस जितना ही ख़राब होता है. पुराने समय में तो इस धर्म में पीरियड्स के दौरान महिलाए घर से बाहर रहती थी और वो अपना खाना, बर्तन और कपड़े सब अलग ही रखती थी.
सिख धर्म
इसमें ऐसा माना जाता है कि यह दिन दूषित होते हैं और इस दौरान महिलाओं को हर एक काम करने से मना कर दिया जाता है और सभी से दूर भी रखा जाता है.
हिन्दू धर्म
इसमें ऐसा मानते हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को घर के सभी सदस्य और सामानों से दूर रहना पड़ता हैं. साथ ही किसी भी महिला को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है.
मुस्लिम धर्म
यहाँ पर पीरियड्स के दौरान लडकियां या महिलाए नमाज़ नहीं पढ़ सकती है. इसी के साथ पीरियड्स में होने वाली महिलाएं इन दिनों में अपने पति से भी दूर रहती हैं क्योकि वो अपवित्र रहती है.
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