यहाँ के लोगों को है बहुत ही अजीब बीमारी, सब कुछ दिखता है ब्लैक एंड वाइट
दुनिया में तमाम अजीबोगरीब जगह देखने के लिए मिलती हैं, इनके बारे में हमें या तो कुछ पता नहीं या फिर बहुत कम सूचना है. पर जब हम उनके बारे में सुनते हैं तो आश्चर्यचकित हो जाते है. सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि क्या ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहां इस तरह के भी लोग रहते हैं? आज हम आपको ऐसी ही एक स्थान के बारे में जानकारी देने जा रहे है. यहां रहने वाली 10 प्रतिशत आबादी को हम और आप की तरह रंग नजर नहीं आते. उन्हें सबकुछ ब्लैक एंड व्हाइट दिखाई देता है.
हम बात कर रहे हैं प्रशांत महासागर में बसे पिंगेलैप आइलैंड (Pingelap island)की. नेशनल ज्योग्राफी का कहना है कि, इस स्थान को कलर ब्लाइंडनेस आइलैंड भी बोला जाता है. कहा जाता है कि वर्ष 1975 में यहां एक विनाशकारी तूफान आया था, जिसमें यहां रहने वाले अधिकतर लोग बह चुके है. सिर्फ 20 लोग ही बचे रह गए.
वह भी इस वजह से क्योंकि ये लोग कहीं बाहर गए हुए थे. जिनमे वहां का एक राजा भी था. आज सैकड़ों वर्ष के उपरांत भी यहां के लोग एक दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी को झेल रहे है. इस इलाके का एक हिस्सा कलर ब्लाइंडनेस का शिकार है. यानी यहां के लोगों को कलर दिखाई नहीं देते.
30,000 लोगों में से एक को होती समस्या: यह बीमारी पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोगों तक पहुंचने लगी है. नेशनल ज्योग्राफी का इस बारें में बोलना है कि आज भी यहां की तकरीबन 10 प्रतिशत आबादी में यह जीन मौजूद है. मेडिकल साइंस की भाषा में इसे अक्रोमैटोप्सिया (complete achromatopsia) बोलते हैं. विश्व में 30,000 लोगों में से एक को इस तरह की परेशानी होती है लेकिन इस आइलैंड पर एक ही जगह भारी तादात में लोग जिसके शिकार हैं. हालांकि, अब कुछ लोग दावा करते हैं कि उन्हें लाल या नीले रंग में हो रही परिवर्तन कुछ कुछ महसूस होते हैं. लेकिन अभी भी पूरी तरह दिखाई नहीं देते. यहां तकरीबन 8 प्रतिशत पुरुषों और एक फीसदी महिलाओं में यह समस्या है. उन्हें सिर्फ ब्लैक एंड व्हाइट नजर आता है.