इन्दौरी तड़का : बड़े अपने इंदौर वाले तो बस दिवाली के इंतज़ार में है
हाँ बड़े अपने इंदौर के लोगो को तो बस दिवाली का ही लपक के इंतज़ार है क्योंकि दिवाली पे सबके घर पे नए नए सामान जो आने वाले है कोई को गाडी खरीदनी है, कोई को सोफा सेट, कोई को कपडे, कोई को घर कोई को क्या कोई को क्या ?? सबको कोई ना कोई खरीदना ही है सब के सब बैठे ही है इंतज़ार में की दिवाली आए और हम शॉपिंग पे जाए।
बड़े सबसे जादा इंदौर के लोगो को दिवाली का ही इंतज़ार रेता है इसके अलावा तो इंदौर के लोग केवल पोए और जलेबी में इंट्रेस्ट लेते है बाकी तो कई से मतलब ही नी है यहाँ के लोगो को। बड़े अबी तो बस लोगो को एक ही चीज़ दिख री है दिवाली। दिवाली के चक्कर में लोग ऐसे ऐसे पगला रे है की क्या बोलो।
इंदौर की छोरियां तो दे लपक के कपड़े, रंगोली, मेहँदी खरीदने में लगी हुई है जैसे साड़ी दिवाली इन्ही को मनानी है बाकी को मनाएगा ही नी। बड़े कसम से पता नी क्यों इंदौरियों को दिवाली इत्ती पसंद है। बड़े दिवाली के लिए तो सब के सब ऐसे मरे जाते है की क्या बोलो। सबको कुछ ना कुछ तो खरीदना ही है दिवाली पे। बच्चो को मजे से पांच दिन की छुट्टी मिल जाती है इसलिए वो सबसे जादा खुश होते है उनको तो कसम से मजे ला देती है दिवाली। और ऑफिस वालों के बी दिवाली पे ही मजे होते है ऑफिस से गिफ्ट मिलता है वो अलग छुट्टी मिलती है वो अलग।
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