यह है एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग, इस वजह से भीम ने की थी स्थापना
वैसे तो दुनियाभर में कई शिवलिंग हैं लेकिन एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है और इस शिवलिंग की स्थापना द्वापर युग यानी कि महाभारत काल में स्वयं भीम ने की थी. जी हाँ, कहते हैं एशिया के सबसे बड़े शिवलिंग का दावा करने वाला यह शिवलिंग उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के खरगूपुर गांव में स्थपित है और मंदिर का नाम पृथ्वीनाथ है. ऐसा कहते है कि एक दिन क्षेत्रीय निवासी पृथ्वीनाथ अपना मकान बनवाने के लिए खुदाई करवा रहे थे और उसी रात उन्हें सपने में पता चला कि उसी स्थान पर और नीचे सात खंडों में शिवलिंग दबा हुआ है.
उसके बाद पृथ्वीनाथ को एक खंड तक शिवलिंग खोजने का निर्देश हुआ और उन्होंने अगले दिन ही पृथ्वीनाथ ने एक खंड तक खुदाई करवाकर शिवलिंग की प्राप्ति की. वहीं उसके बाद से ही शिवलिंग की पूजा-अर्चना की जाने लगी और आगे चलकर यह मंदिर पृथ्वीनाथ के नाम पर ही पृथ्वीनाथ मंदिर कहा जाने लगा.
ऐसा कहा जाता है महाभारत काल यानी कि द्वापर युग में पांडव पुत्र भीम ने अज्ञातवास के दौरान ही इस शिवलिंग की स्थापना की थी और ऐसा बताया जाता है कि भीम जब अपने भाईयों के साथ अज्ञातवास काट रहे थे तब उस स्थान पर बकासुर दानव ने आतंक मचा रखा था और लोग डरे-सहमे थे. उस समय भीम ने सबकी रक्षा करने के लिए उसकी हत्या कर दी और वह दानव ब्राह्मण कुल का था. इसी कारण से भीम पर ब्रह्म हत्या का पाप लगा और इस दोष से मुक्त होने के लिए भीम ने शिवलिंग की स्थापना की थी.
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