12 मई को है मदर्स डे, जानिए क्यों करते हैं सेलिब्रेट
आप सभी को बता दें कि इस साल मातृ दिवस 12 मई को मनाया जाने वाला है. ऐसे में माँ दुनिया के हर बच्चे के लिए भगवान होती है और उनसे बच्चे का सबसे खास और सबसे प्यारा रिश्ता होता है. ऐसे में मां को सम्मानित करने के लिए मई माह के दूसरे रविवार को विशेष दिवस मनाया जाता है लेकिन माँ को तो हर दिन सम्मानित किया जाना चाहिए. जी हाँ, आइए आज हम आपको बताते हैं मातृ दिवस मनाने के कुछ कारण.
कहा जाता है यह दिन त्योहार की तरह मनाने की प्रथा थी और एशिया माइनर के आस-पास और साथ ही साथ रोम में भी वसंत के आस-पास इदेस ऑफ मार्च 15 मार्च से 18 मार्च तक मनाया जाता था. इसी के साथ मदर्स डे ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जॉर्विस द्वारा समस्त माताओं और उनके गौरवमयी मातृत्व के लिए तथा विशेष रूप से पारिवारिक और उनके परस्पर संबंधों को सम्मान देने के लिए आरंभ किया गया था. कहते हैं यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता हैं और इस दिन कई देशों में विशेष अवकाश देते हैं.
कहा जाता है यूरोप और ब्रिटेन में मां के प्रति सम्मान दर्शाने की कई परंपराएं प्रचलित हैं और उसी के लिए एक खास रविवार को मातृत्व और माताओं को सम्मानित किया जाता था जिसे मदरिंग संडे कहा जाता था. यहाँ मदरिंग संडे फेस्टिवल, लितुर्गिकल कैलेंडर का हिस्सा है और यह कैथोलिक कैलेंडर में लेतारे संडे, लेंट में चौथे रविवार को वर्जिन मेरी और 'मदर चर्च' को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता हैं. कहा जाता है परंपरा के अनुसार इस दिन प्रतीकात्मक उपहार देने तथा मां का हर काम परिवार के सदस्य द्वारा किए जाने का उल्लेख मिलता है.
कहते हैं अमेरिका में सर्वप्रथम मदर डे प्रोक्लॉमेशन जुलिया वॉर्ड होवे द्वारा मनाया गया था. जी हाँ, होवे द्वारा 1870 में रचित "मदर डे प्रोक्लामेशन" में अमेरिकन सिविल वॉर (युद्घ) में हुई मारकाट संबंधी शांतिवादी प्रतिक्रिया लिखी गई थी और यह प्रोक्लामेशन होवे का नारीवादी विश्वास था जिसके अनुसार महिलाओं या माताओं को राजनीतिक स्तर पर अपने समाज को आकार देने का संपूर्ण दायित्व मिलना चाहिए.
इस बावड़ी से दूर भागते हैं लोग, भूलकर भी नहीं जाते पास
इस कारण लोग पहनते हैं कछुए की अंगूठी
इस वजह से ख़ुशी में रोते हैं लोग