कुछ तो खास रिश्ता है देशभक्ति से इन त्रिकुमार का
15 अगस्त या स्वतंत्रता दिवस को हम सभी देशवासी अपने-अपने तरीके से मनाते हैं. जहाँ देखो वह इस दिन देशभक्ति सर चढ़ कर बोलती है. यहाँ तक की बात करे सभी चैनल्स की तो उनपर भी हमें देशभक्ति की मूवीज ही देखने को मिलती है. इन फिल्मो में वैसे तो हमें बॉलीवुड के कई कलाकार देखने को मिल जाती है. लेकिन क्या अपने गौर किया है कि इन मूवीज में कुमार फैक्टर बहुत बड़ा रोल प्ले है. अब आप कहेंगे कैसे तो चलिए हम बताते है. दरअसल आप खुद देख सकते है हमारे देशभक्ति के आइकॉन और सदी के महान नायक मनोज कुमार, रोमांस के किंग दिलीप कुमार और खिलाड़ी और हम सबके चहिते अक्षय कुमार को जोकि लगातार देशभक्ति की मूवीज हमारे सामने लेकर आ रहे है. बात यह है कि ये तीनो ही कुमार है और देशभक्ति की फिल्मो के साथ सामने आ रहे है. चलिए समझते है :-
Manoj Kumar
मनोज कुमार : ये वो दौर था जब हमें आज़ादी का स्वाद चखे ज्यादा समय नहीं हुआ था. इसी स्वाद को बरक़रार रखते हुए उच्च खास फिल्मो उपकार, शहीद, क्रांति, रोटी कपडा और मकान, हरियाली और रास्ता जैसी के साथ मजों कुमार तेजी से ऊपर आए. सिलसिले में ही आगे चले तो पूरब-पश्चिम का दुल्हन चली गाना कौन भूल सकता है जहाँ सायरा बनो मॉडर्न संस्कृति में डूबी हैं और मनोज कुमार इस गाने में ही उन्हें अपनी संस्कृति की याद दिला रहे है. रोटी कपडा और मकान, और हरियाली और रास्ता जैसी मूवीज में हम नये भारत की समस्याओ और उनके निराकरण को पाते है. वैसे ही नया दौर का ये गाना ये देश है वीर जवानो का अलबेलों का मस्तसनो का इस देश का यारो क्या कहना... हमे उस वक़्त में ले जाता है जब जय जवान जय किसान के नारे सबकी ज़ुबान पर थे.
Dilip Kumar
दिलीप कुमार : थोड़ा सा पुराने दौर में चले तो हमारे सामने एक नायक आते है जिनका नाम दिलीप कुमार है. इन्हे बॉलीवुड का राजा भी कहा जाता है. दिलीप कुमार की नया दौर, शहीद और क्रांति मूवीज में उनकी अदायगी देखते ही बनती है. जबकि साथ ही कर्मा में आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसी समस्या को भी दिखाया गया है. कर्मा फिल्म का एक गाना ऐ वतन आज भी कही सुनाई देता है तो देशभक्ति फिर जाग उठती है.
Akshay Kumar
अक्षय कुमार : खतरों के खिलाड़ी भी एक नए देश भक्त के रूप में सामने आये है. जहाँ एक तरफ बेबी, हॉलिडे, गब्बर, रुस्तम आदि फिल्मो में उनका देशभक्ति वाला एक अनोखा रूप देखने को मिला तो वही एयरलिफ्ट के माध्यम से उन्होंने विदेश में इंडियनस की मदद करने वाले व्यक्ति का रोल प्ले किया है. रीसेंट मूवीज की तरफ यदि रुख किया जाए तो आप देखेंगे कि अक्षय की फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा में उन्होंने हमें पुरानी रूढ़िवादी कुरीतिओ से आज़ादी की लड़ाई दिखाई है.
आज आज़ादी को 70 साल हो गए है. हमारे इस सफर में हमारी बॉलीवुड मूवीज का योगदान महत्वपूर्ण है. ये उस किताब की तरह है जहाँ हम गुजरे ज़माने से ले कर आज के वास्तविक समाज और नए भारत को पन्ने पलट कर देख सकते हैं. दिलीप कुमार, मनोज कुमार और अक्षय कुमार के इस सराहनीय और महत्वपूर्ण योगदान की हम प्रसंशा करते है. आज़ादी तो हमें मिल गयी है पर अभी भी हम देश के अंदर आंतकवाद, नारी अपमान, भ्रू हत्या, पुरानी कुरीतियों, भेद भाव, भृष्टाचार जैसी कुरीतिओ को ख़तम करना है. सिनेमा आज एक ऐसा माध्यम है जिससे हम इन सभी कुरितियों पर विजय पा सकते हैं. तो चलिए निर्णय लेते है कि हम भी इन कुरीतियों को हराकर मानेंगे.