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MMS पर क्या है कानून? जानिए कब जाना पड़ सकता है जेल

Chandigarh COllege MMS Case Know law about MMS And what types of act is under this law

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुए हैं। इन वीडियो को बनाए जाने को लेकर बवाल जारी है। जी दरअसल पुलिस ने आरोपित छात्रा के बाद दो युवकों को शिमला से गिरफ्तार किया है। दूसरी तरफ कॉलेज में छात्राओं का प्रदर्शन भी देखने के लिए मिल रहा है। बीते सोमवार को भी यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 2 पर हंगामा किया। जी दरअसल यह आरोप है कि गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली एक छात्रा ने 60 छात्राओं का नहाते वक्त वीडियो रिकॉर्ड किया और वो इन वीडियो को किसी को भेजती थी। अब सवाल यह उठता है कि भारत में इस तरह की हरकतों को लेकर क्या कानून है और आरोपी व्यक्ति पर किन किन धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। अब आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।  आप सभी को बता दें कि छात्रा और उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार करके आईपीसी की धारा 354 सी और आईटी एक्ट में केस दर्ज किया गया है। इसी के साथ ही इन लोगों पर आइटी एक्ट की धारा (66ई) भी लगाई है। 

जी हाँ और अब इन धाराओं के तहत इन पर कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने पर जेल भी हो सकती है। जी दरअसल अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की उस वक्त फोटो क्लिक करता हो या वीडियो बनाता है, जब वो कोई प्राइवेट एक्ट कर रही हो। यानी अगर कोई अपना निजी कार्य कर रही है और उस वक्त उसे उम्मीद है कि कोई उसे देख नहीं रहा होगा। 

वहीं ऐसे में इस वक्त कोई महिला को कैमरे में कैद करता है तो उस हरकत पर धारा 354 सी के तहत कार्रवाई की जाएगी। आप सभी को बता दें कि प्राइवेट एक्ट में वो सभी निजी पल और काम शामिल हैं, जो अपनी प्राइवेसी में करती हैं। वायरल वीडियो में अगर महिला के प्राइवेट पार्ट दिखाई दे या फिर महिला इनरवियर्स में दिखाई दे या फिर शौचालय इस्तेमाल करते हुए नजर आए या कोई ऐसा कार्य करते हुए नजर आए जो वो पब्लिक में नहीं कर सकती हैं, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। आप सभी को बता दें कि इन धारा में दोषी पाए जाने पर पहली बार गलती पर 1 से 3 साल और बाद में 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही दोषी व्यक्ति पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

आईटी एक्ट में क्या है प्रावधान?

आईपीसी के साथ ही आईटी एक्ट में भी इस तरह की हरकतों पर सजा का प्रावधान है। जी दरअसल आईटी एक्ट में भी धारा 66 इ के तहत किसी की भी प्राइवेसी भंग करने पर, धारा 67 के तहत आपत्तिजनक सूचनाओं के प्रकाशन और अश्लील सूचनाओं को प्रकाशित करने पर कार्रवाई की जा सकती है।

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