आखिर क्यों दो रंग के होते हैं इंसान, जानिए हैरान कर देने वाला कारण
हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि इस दुनिया में दो रंग के लोग होते हैं पहला वो जिनका रंग काला होता है और दूसरे वो जिनका रंग गोरा होता है. वहीं इन दोनों के बीच में भी लोग आते हैं जिनका रंग थोड़ा गहरा भी होता है और हल्का भी. ऐसे में कभी सोचा है कि इंसान के रंग दो ही क्यों होते हैं. जी हाँ, अगर आप सभी ने यह सवाल अपने मन में सोचा है तो आज हम आपको इस सवाल का जवाब देने आए हैं. आइए जानते हैं.
कहते हैं मनुष्य का रंग उसकी त्वचा में उपस्थित एक रंगीन पदार्थ पर निर्भर करता है जिसे पिगमेंट कहा जाता है. वहीं जब सूर्य के प्रकाश में उपस्थित पराबैंगनी किरणें हमारे शरीर पर पड़ती हैं तो शरीर के ऊत्तकों द्वारा अधिक काला बनने लगता है.
ऐसा भी कहा जाता है कि शरीर के द्वारा अधिक मेलानिन बनने की वजह से शरीर का रंग काला या गेहुंआ हो जाता है जबकि ठंडे स्थानों पर रहने वाले लोगों के शरीर में मेलानिन की मात्रा कम पाई जाती है. इसके फलस्वरूप उनकी त्वचा का रंग गोरा होता है.
आप सभी को बता दें कि अफ्रीका जैसे देशों का तापमान बहुत गर्म रहता है इसलिए वहां रहने वाले लोगों का रंग काला रहता है. वहीं अमेरिका जैसे देशों का तापमान बहुत ठंडा रहता है, वहां पर गर्मी बहुत ही कम पड़ती है इसलिए वहां पर रहने वाले लोगों का रंग गोरा रहता है.
वहीं केरल और कर्नाटक आदि जैसे शहरों में बहुत गर्मी पड़ती है और इसलिए वहां के लोगों का रंग काला होता है. भारत में एक ही जैसे रंग के लोग बहुत कम देखने को मिलेंगें जो आप खुद देख सकते हैं.
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