नवरात्र की महानवमी पर पढ़े माँ सिद्धिदात्री की कथा
नवरात्रि का पर्व बहुत धूम धाम से मनाया जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं नवरात्रि के 9वे दिन होने वाली माता की कथा। जी दरअसल 9वे दिन माता सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। वैसे इस बार 24 अक्टूबर को आधी नवमी है और बाकी आधी 25 अक्टूबर को है। इस वजह से इस बार दशहरा भी दो दिन मनाया जाने वाला है। तो अब आइए जानते हैं माँ सिद्धिदात्री की कथा।
माँ सिद्धिदात्री की कथा-
मां सिद्धिदात्री मां दुर्गा का नौवां स्वरूप है। सिद्धिदात्री का अर्थ है सिद्धि देने वाली मां। मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से हमें आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। भगवान शिव के द्वारा महाशक्ति की पूजा करने पर मां शक्ति ने प्रसन्न होकर उन्हें यह आठों सिद्धियां प्रदान की थी। यह मां दुर्गा का अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप है। देवी दुर्गा का यह रूप समस्त देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। असुर महिषासुर के अत्याचार से परेशान होकर सब देवगण भगवान भोलेनाथ एवं विष्णु भगवान के समक्ष सहायता हेतु गए। तब वहां उपस्थित सभी देवगणों से एक-एक तेज उत्पन्न हुआ। उस तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ। जिन्हें सिद्धिदात्री के नाम से जाना गया।
आप सभी को बता दें कि इस साल 25 और 26 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाने वाला है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है। इस पर्व के दिन रावण का दहन किया जाता है। वहीँ इस बार कोरोना काल के चलते इस दौरान ज्यादा भीड़ एकत्रित होने के लिए मना किया गया है। इसके अलावा आपको हम यह भी बता दें कि यही वह दिन था जब श्री राम ने रावण का दहन किया था।
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