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यहाँ पीरियड्स में राख और घास का इस्तेमाल करती हैं महिलाएं

Ways Women Handled Menstruation Before Sanitary Napkins

लडकियां ही पीरियड्स का दर्द जान सकती है और कोई नहीं. जी हाँ, आज भी महिलाओं की इस परेशानी को नहीं समझा जाता है और कई जगह पर उन्हें आज भी अजीब से रीती रिवाजों का सामना करना पड़ता है. जी हाँ, ऐसे में शहरों में तो एक तरफ जागरुकता आ गई है, लेकिन आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अछूत समझा जाता है. जी हाँ, इसी के साथ उन्हें घर के किसी कमरे में कैदियों की तरह रहना पड़ा है. और तो और कुछ जगह पर महिलाएं सैनेट्री पैड या कपड़ा नहीं बल्कि मासिक धर्म के दौरान वो घास, पुआल, राख और बालू जैसी चीजों का इस्तेमाल करती है. 
 

जी हाँ, इसी के साथ पीरियड्स के दौरान कागज इस्तेमाल बीते समय में कई जगहों पर माहवारी को रोकने के लिए लकड़ी के टुकड़ों से लेकर जानवर की खाल तक का इस्तेमाल किया करती थीं. केवल इतना ही नहीं, आपको बता दें कि मिस्र में महिलाएं पीरियड के फ्लो को रोकने के लिए ‘पेपरिस’ का इस्तेमाल करती थीं. ‘पेपरिस’ एक मोटा कागज होता था जिसपर उस दौरान लिखने का काम किया जाता था.

बताया जाता है महिलाएं उसे भिगो कर नैपकीन की तरह इस्तेमाल करती थी. इसी के साथ चीन में महिलाएं मासिक धर्म के दौरान ब्लड फ्लो को रोकने के लिए रेत का इस्तेमाल करती थीं. जी हाँ और भारत के भी कई गांवों में पीरियड को रोखने के लिए राख का इस्तेमाल किया जाता था. जी हाँ, महिलाएं इन रेत या राख को एक बड़े कपड़े में टाइट बांध कर वो इसे पीरियड पैड्स के तौर पर इस्तेमाल करती थीं. इसी के साथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में महिलाएं मासिक धर्म के दौरान रक्त स्त्राव को रोकने के लिए ‘घास’ का इस्तेमाल करती थीं. इसे देखकर यह कहा जा सकता है कि देश में अब भी कहीं कहीं बिलकुल भी जागरूकता नहीं है.

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