इन्दौरी तड़का : भिया ज़िंदगी यां बस धक्के खा री है
![indori tadka : bhiya zindgi yaan bas dhakke kha ri hai indori tadka : bhiya zindgi yaan bas dhakke kha ri hai](https://viral.newstracklive.com/uploads/november2017/Uz26gcrz6B1511837241.jpg)
बड़े ऐसा ही हाल है यां पे की बस धक्के खाओ बस उससे जादा तो कुछ है ही नी। बड़े हम लोगो की ज़िंदगी ट्राफिक में गुजर री है, धक्के खाने में गुजर री है, कहीं मगजमारी में गुजर री है, कहीं उधार देने में तो कहीं पे लेने में गुजर री है। मतलब ऐसा हाल हो रिया है कि क्या बोलो। कसम से बैंड बजी रेती है हर दिन साला हर दिन बस काम काम काम। कबि माँ काम में लगा देती है तो कबि पापा। बड़े ऑफिस वालो से तो इंदौरी इत्ते ज्यादा परेशान रेते है कि क्या बोलो कसम से हाल बेहाल कर देते है यां पे लोगो का। बड़े लेकिन लोग बी कम खुदा थोड़ी है लगे रेते है बॉस की चापलूसी में, कोई मस्के मारने में, कोई घर पे माँ को पटाने में, कोई पापा को मनाने में, कोई अलग मगजमारी में, कोई कई तो कोई कई। अब भिया यई होता है यां पे।
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मतलब कई से बी ले लो ज़िंदगी तो वाट ही लगी रेती है। मतलब अब क्या बोलो। बड़े यां पे लोगो से जब बी पूछो भाई क्या मजे तो एक ही जवाब मिलता है "साले भेन की टांग मजे लगी पड़ी है मेरी और तेरेको मजे सूझ रिए है आ टेको कराउ मजे "
इन्दौरी तड़का : हाँ भिया तो पद्मावती के बारे में अपना क्या केना है
इन्दौरी तड़का : बड़े अब तो पद्मावती अपने इंदौर में बी नी अएगी