16वीं शताब्दी में भी थे कंडोम, जानिए इतिहास
आज के समय में सभी कंडोम के बारे में जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका इतिहास बेहद ही पुराना है. जी हाँ, आज हम आपको आपको कंडोम से जुड़ी ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे. जी हाँ, कहा जाता है आज से पहले यानी 16वीं शताब्दी में कंडोम जानवरों की आंत से बनाया जाता था, लेकिन वह बहुत महंगा होता था. इसी के साथ कुछ इतिहासकारों का दावा यह भी है कि कंडोम का नाम 'डॉक्टर कंडोम' नाम के एक व्यक्ति के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 16वीं शताब्दी में किंग चार्ल्स द्वितीय को भेड़ के चमड़े से बना कंडोम दिया था लेकिन कई इतिहासकार इस किस्से को नहीं मानते हैं.
इसी के साथ कंडोम से जुड़ा एक किस्सा यह भी है कि ''फ्रांस की एक गुफा में एक अजीबोगरीब पेंटिंग मिली थी, जिसमें कंडोम के आकार का एक चित्र बना पाया गया था.'' वहीं सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पेंटिंग 12000-15000 साल पुरानी बताई गई थी लेकिन आजतक यह स्पष्ट नहीं है कि उस समय कंडोम का इस्तेमाल गर्भधारण को रोकने के लिए किया जाता था या किसी अन्य अनुष्ठानिक उद्देश्य के लिए.
आपको बता दें कि कंडोम का प्राचीन इतिहास थोड़ा अस्पष्ट जरूर है, लेकिन 17वीं शताब्दी में वे निश्चित रूप से उपयोग में थे और ब्रिटेन के डुडली कैसल में खुदाई के दौरान मध्ययुगीन शौचालय से कुछ कंडोम मिले थे, जो जानवरों और मछली की आंतों से बने थे और उनका इस्तेमाल संभवतः 1646 के समय किया गया था. वहीं रबर वल्कनीकरण (वल्केनाइजेशन) प्रक्रिया का आविष्कार चार्ल्स गुडइयर ने वर्ष 1839 में किया था और 1844 में पेटेंट कराया और इसी के बाद पहले रबर कंडोम का उत्पादन 1855 में हुआ और 1850 के दशक के अंत तक कई प्रमुख रबड़ कंपनियां रबर कंडोम का उत्पादन करने में आगे निकल गईं.
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