इन्दौरी तड़का : भिया संसद में भी इन्दौरी भाषा आ जाए तो क्या होगा
Indori Tadka : हाँ बड़े अगर संसद में बी इंदौरी बोलने लग जाए तो कित्ता मजा आएगा ना। हर कोई इंदौरी बोलेगा। अपनी संसद की बॉस ताई संसद में आएगी और केगी राम बड़े, और भइया कैसे हो चकाचक। सब पेले मेरी बात सुन लेओ है ना आज मेरे से कोई जादा मगजमारी नी करेगा क्यूंकि पेले ही मेरा दिमाग भंड हो रिया है सूबे सूबे पोए खराब मिल गए तो सूबे से ही दिमाग की दही मच गई है। अब कोई जादा मगजमारी करेगा तो उसकी बारा बजवा दूंगी। बाकी फिर आगे जब सब शुरू होंगे बहस करने को तो पेले सबको सुतने को दे दिया जाए जैसे जलेबी, पोए, कचोरी जीरावन के साथ। और अगर वहां पे अपने सेव पे चर्चा हो जाए तो और मजा आ जाएगा। बड़े संसद में जीरो ऑवर भी होता है गर उसमे भोत सारे मुद्दों पे पंचायत करते है सब के सब वहां पे अब ऐसे चर्चा करेंगे ताई ये पोए के भाव कम कर देओ तो थोड़ा मजा आ जाएगा वरना पोए तो ऐसे ही मिलेंगे जैसे आप सूबे सूबे सूत के आई हो। संसद में एक चटोरे लोगों की समिति बी बना देनी चिए जो सेव, पाँव भाजी, पोए, जलेबी के भाव के लिए ताई से थोड़ी मगजमारी मार ले।
इसके बाद संसद में वोटिंग की बात करें तो वो बी इंदौरी बोली में ही होएगी, जैसे हाँ को हाओ और नहीं को नी। ऐसे में कोई संसद जोर से लपक के बोल दे तो उसको अपनी ताई ऐसे बोलेगी - क्या रे जादा चाउ चाउ मत कर भोत देर से मगजमारी कर रिया है, ऐसे ही दिमाग भन्नाट हो रिया है ऊपर से तू और भन्ना रिया है चुपचाप बैठ जा नी तो सस्पेंड कर दूंगी, क्या समझ रखा है संसद को राजवाड़ा चौक थोड़ी है जो चिल्लाने आ जाते हो। चलो भिया बस हम तो मजाक कर रिए थे जादा सीरियस ना हो। अपनी ताई भोत भन्नाट काम कर री है।
इन्दौरी तड़का : कचरा मत फेको भिया वरना नगर निगम वाले उठा ले जाएंगे
इन्दौरी तड़का : बड़े भोत लपक के गर्मी पड़ री है यहाँ पे तो
इन्दौरी तड़का : बड़े मेरेको मालम है ये इन्दौरी साले होते ही एबले है