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आखिर क्यों ट्रेन टिकट में H1 लिखा होता है, जानिए यहाँ

What is the meaning of H1 in Indian Railways

ट्रेन का सफ़र कई लोगों के लिए मजेदार होता है। हालाँकि जब सीट ढूंढनी पड़ती है तो थोड़ा सज़ादार भी हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भीड़ के अंदर घुसकर अपनी सीट ढूंढना सागर में मोती ढूंढने जैसा होता है। ऐसे में बड़ा परेशान होना पड़ता है। इस समय कोई इधर से धक्का मारता है तो कोई उधर से। उसके बाद जब सीट मिल जाती है तो ये समझना कि बर्थ कौन सी, Upper, Lower या Middle ये भी बड़ा टास्क होता है। वैसे जैसे-तैसे आप इतना समझ पाए थे अब टिकट पर H1 का मतलब भी समझो।

आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं। ट्रेन रिज़र्वेशन कराने के बाद टिकट पर Berth का नम्बर और उसकी पोजीशन शॉर्ट फ़ॉर्म में लिखी होती है, जैसे ऊपर वाली सीच के लिए UB (Upper Berth), नीचे वाली सीट के लिए LB (Lower Berth) और बीच वाली सीट के लिए MB (Middle Berth) लिखा होता है, जिससे ज़्यादातर लोग वाक़िफ़ होते हैं। हालाँकि टिकट पर जब H1 लिखा होता है तो सभी लोग कंफ़्यूज़ हो जाते हैं। आपको बता दें कि H1 का मतलब AC First Class से होता है। इसी के साथ Third AC के लिए B और Chair Car के लिए CC का प्रयोग किया जाता है।

आपको बता दें कि First AC कोच में दो और चार सीट वाले क्यूब या केबिन होते हैं, जिसमें सीट A, B, C और D के आधार बंटी होती है। इस तरह से अगर कोई दो टिकट लेता है तो उसे पूरा केबिन दे दिया जाता है। स्लीपर, 2nd AC और 3rd AC में साइड बर्थ होती है, जो First AC में नहीं होती है। आप सभी को बता दें, हर केबिन का अपना अलग स्लाइडिंग डोर होता है। फ़र्स्ट एसी को आपका कंफ़र्ट ज़ोन देखकर ही डिज़ाइन किया गया है।

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