14 नवम्बर को है दिवाली, जानिए क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार
हर साल आने वाला दिवाली का पर्व इस साल भी आने वाला है। जी हाँ, इस साल यह पर्व आने वाले 14 नवम्बर को मनाया जाने वाला है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों मनाते हैं यह पर्व। कहा जाता है जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या नगरी लौटे थे, तब उनकी प्रजा ने मकानों की सफाई की और दीप जलाकर उनका स्वागत किया।
वहीँ अगर एक अन्य कथा के अनुसार माने तो जब श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके प्रजा को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई तो द्वारका की प्रजा ने दीपक जलाकर उनको धन्यवाद दिया। इसके अलावा एक अन्य परंपरा भी है जिसके अनुसार सतयुग में जब समुद्र मंथन हुआ तो धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी के प्रकट होने पर दीप जलाकर आनंद व्यक्त किया गया।
वैसे यह तीन अलग अलग कथाएं हैं लेकिन यह बात तय मानी जा सकती है दीपक आनंद प्रकट करने के लिए जलाए जाते हैं।।। खुशियां बांटने का काम करते हैं। वैसे आप जानते ही होंगे कि भारतीय संस्कृति में दीपक को सत्य और ज्ञान का द्योतक मानते है, क्योंकि वह स्वयं तो जलता है, लेकिन दूसरों को प्रकाश देने का काम करता है। वैसे दीपक की इसी विशेषता के कारण धार्मिक पुस्तकों में उसे ब्रह्मा स्वरूप भी कहते हैं। हर साल दिवाली के उत्सव पर दीपक जलाये जाते हैं और दीपक से सभी घरों को, बाजारों को, बिल्डिंगों को प्रकाशित किया जाता है। इस बार भी ऐसा ही कुछ होने वाला है लेकिन इस बार कोरोना काल को देखते हुए सेलिब्रेशन घर पर ही करें।
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