यहाँ आज भी जल रही है वो अग्नि, जिसके फेरे लेकर भगवान शिव-पार्वती ने की थी शादी!
आज भी दुनियाभ में कई मंदिर हैं जो अपनी अपनी बातों के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में जिस मंदिर के बारे में हम बताने जा रहे हैं उसके बारे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. जी हाँ, हम बात कर रहे हैं त्रियुगी नारायण मंदिर की जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित है. जी हाँ, खबरों के मुताबिक़ यहां की यात्रा बहुत ही पवित्र मानी जाती है और ऐसा कहते हैं कि भगवान शिव ने सतयुग में माता पार्वती के साथ इसी जगह पर विवाह किया था और आपको जानकर हैरानी होगी कि आज भी इस हवन कुंड से ज्वाला प्रज्जलित हो रही है जिसको उन्होंने साक्षी मानकर विवाह किया था.
आप सभी को बता दें कि यह मंदिर काफी प्रशिद माना जाता है. आपको बता दें कि यह दिखने में भी बहुत ही खूबसूरत है और चारों तरफ हरियाली के बीच आए हुए यात्रियों के लिए यह मंदिर उनके लिए यहां एक समां बांध देता है. इसी के साथ इसकी खूबसूरती आंखों को बहुत ही ठंडा देती है और ऐसा कहते हैं कि इस हवन कुंड से निकलने वाली राख भक्तों के विवाहित जीवन को सुखमय बना देती है.
आप सभी को बता दें कि हरिद्वार के पास कनखल में राजा हिमालय रहते थे और वहीं माता पार्वती का जन्म हुआ था. इस कारण से उनका नाम पारवती रखा गया था. वहीं उसके कुछ समय बाद उनका विवाह शिव जी का विवाह उनसे करवा दिया. जिस जगह को आज सभी त्रियुगी नारायण मंदिर के नाम से जानते हैं. कहा जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विष्णु जी को इस विवाह का साक्षी बनाया गया था इस कारण से यहां पर विष्णु जी का भी मंदिर है जिसकी पूजा भी लोग बड़ी श्रद्धा के साथ करते हैं.
121 एकड़ में बनाया गया है यह डायनासोर म्यूजियम पार्क
यहाँ छुपा हुआ है पारस पत्थर, ढूंढ लिया तो खुल जाएगी आपकीस किस्मत
इस मंदिर में प्रसाद नहीं खा सकती महिलाएं