इन्दौरी तड़का : बड़े ठंड में ही होती है सच्चे दोस्त और गर्लफ्रेंड की पेचान
हाँ भिया अब ठंड आ गई है तो अब तैयार हो जाओ ये पेचानने के लिए की असली दोस्त कौन है और सच्ची गर्लफ्रेंड कौन है। अब तुम बोलोगे की पेचान कैसे होएगी ?? तो भिया देखो ऐसा है की इस ठंड में जो दोस्त ये के दे की 'भई तू गाडी ना चला तू तो बस पीछे बैठ जा बाकी अपन निपट लेंगे' वई तुम्हारा सच्चा दोस्त है और इस ठंड में जो छोरी ये के दें की 'बाबू तुम घर पे ही रओ ठंड में अपन कहीं घूमने नी जाएंगे और जादा ठंड लगे तो मेरे पास आ जाना' वाई तुम्हारी सच्ची गर्लफ्रेंड है। हाँ बड़े जिसके साथ ऐसा होता है वो तो समझो दुनिया का सबसे सुखी इंसान है और जिसके साथ ऐसा नहीं होता है समझो उसकी किस्मत लुल है। बड़े कसम से इंदौर वालो की ज़िंदगी में तो शायद ही ऐसी गर्लफ्रेंड हो पर दोस्त की तो बात ही ना करो दोस्त तो ऐसे ऐसे मिल जाएंगे की क्या बताउ।
यां पे दोस्त बी गर्लफ्रेंड जैसे ही होते है साले खुद ही नी निकलना चाते बिस्तर की रजाई से तो दुसरो को क्या ख़ाक कॉल करेंगे और गाडी की तो बात यां पे हो ही नी सकती साले ठंड में बी ले जाए तो पैदल ही लेके घूमते है। भिया इंदौर में बस दोस्ती चलती है बाकी सब तो बदलती रेती है।
किदर चल्लेओ भिया इस बार न्यू यर पे
इन्दौरी तड़का : बड़े अब सूबे सूबे नहाने का कोई नी केगा
इन्दौरी तड़का : बड़े पद्मावती को लेके इंदौरी की पुकार
इन्दौरी तड़का : भिया ज़िंदगी यां बस धक्के खा री है