हर साल बढ़ जाती है इस शिवलिंग की लम्बाई
दुनियाभर में कई मंदिर हैं जो अपने अलग -अलग बातों के लिए, राजों के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं जो बहुत बड़ा है लेकिन उसकी एक और खासियत है. जी हाँ, और उस खासियत को सुनकर आप भी हैरान रह जायेंगे. जी दरअसल अपनी कलाकृतियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां हर साल शिवलिंग की ऊंचाई में इजाफा दर्ज होता है. जी हाँ, खजुराहो में एक समय 85 मंदिर थे, लेकिन अब गिने-चुने मंदिर ही शेष हैं. जी दरअसल नौवीं सदी में बने इन मंदिरों में मतंगेश्वर महादेव एक ऐसा मंदिर है, जिसमें शिवलिंग नौ फीट जमीन के अंदर और इतना ही बाहर है.
कहा जाता है खजुराहो के पुरातत्व मंदिरों में यह ही एक ऐसा मंदिर है, जिसमें अब भी पूजा-पाठ होता है. वहीं मंदिर के पुजारी अवधेश अग्निहोत्री ने बताया कि कार्तिक माह की शरद पूर्णिमा के दिन शिवलिंग की लंबाई तिल के आकार के बराबर बढ़ती जाती है और ये शिवलिंग जितनी अंदर है उतनी ही बाहर भी है.
वहीं शिवलिंग की लंबाई को पर्यटन विभाग के कर्मचारी नापते हैं, जिसके बाद हर बार लंबाई पहले से कुछ ज्यादा मिलती है और हर बार यह बदल जाती है. ऐसा बताया जाता है कि शिवलिंग जितना ऊपर की ओर बढ़ता है, उतना ही नीचे की तरफ भी बढ़ता है. इसी के साथ मतंगेश्वर महादेव का मंदिर खजुराहो के मंदिरों में सबसे ऊंचा है और इतिहासकारों के मुताबिक मतंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण 920 ई. के लगभग चंदेला राजा हर्षवर्मन ने करवाया था जो एक रहस्य्मयी मंदिर हैं.
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