आखिर क्यों यहाँ लड़कियां करती हैं केले के पेड़ से शादी
दुनिया में ना जाने कितनी ही परम्पराएं हैं जो लोगों को हैरान कर देती हैं. इस बार भी एक ऐसी ही परम्परा के बारे में सुनाई दिया है जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए. जी दरअसल हम बात कर रहें हैं एक ऐसे समुदाय की जहाँ पर लड़की के जवान होते ही उसकी शादी एक केले के पेड़ से करवा दी जाती है.
वह समुदाय कहीं और नहीं बल्कि असम के बोगांइगांव जिले के सोलमारी में है. इस समुदाय में लड़कियों के किशोर होने पर उनकी शादी एक केले के पेड़ से करवा दी जाती है जिसे ‘तोलिनी ब्याह’ का नाम दिया जाता है. यहाँ पर शादी को लेकर एक मान्यता भी है. लडकियां जब मासिक धर्म में होने लगती है तभी उनकी शादी केले के पेड़ से करवा दी जाती हैं. केले के पेड़ से शादी करवाना लड़कियों की सेक्सुअलिटी से जुड़ा होता है. लडकियां जैसे ही अपने किशोरावस्था में प्रवेश करती हैं वैसे ही उनकी शादी केले के पेड़ से करवा दी जाती है.
लड़कियों का मासिक धर्म एन्जॉय करने के लिए उन्हें मासिक धर्म की शुरुआत में केले के पेड़ से ब्याह रचाने की सलाह दी जाती है. लडकियां जब केले के पेड़ से शादी कर लेती हैं तो जमकर जश्न मनाया जाता है और उसके बाद उन्हें खूब खाना खिलाया जाता है. इस दौरान लोग गाते हैं बजाते हैं और लड़कियों की देखभाल भी करते हैं. अगर देखा जाए तो केले के पेड़ से शादी करवाना एक तरह की मासिक धर्म से जुडी परम्परा है जो कई समुदायों में अपनाई जाती है.
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