जहांगीर के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप
इतिहास के क़िस्से आप सभी ने कई बार सुने होंगे. वैसे इतिहास की बातें हमेशा से हम सभी को अपनी तरफ आकर्षित करती रहीं हैं. इतिहास में जो लोग दिलचस्पी नहीं भी लेते हैं वह भी उसके किस्से सुनने के बाद दिलचस्पी लेने लगते हैं. वैसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं मुग़ल शासक जहांगीर के बारे में. जी दरअसल अक़बर के बाद उनके बेटे सलीम को ही राजकाज की कमान सौंपी गईं थी. उन्हें लोग जहांगीर के नाम से जानते हैं. जहांगीर उन शासकों में शामिल थे, जो किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने देते थे. इसी वजह से उन्हें न्याय की जंजीर भी कहा जाता था. बहुत से लोगों के लिए यह बातें नयी होने वाली हैं जो आज हम बताने जा रहे हैं.
कहा जाता है सूफ़ी संत शेख़ सलीम के नाम पर अक़बर ने अपने बेटे का नाम सलीम रखा था. सलीम चौथे मुग़लबादशाह थे, जिन्हें वैज्ञानिक सम्राट के रूप में भी जाना जाता है. कहते हैं जहांगीर को प्रकृति से बहुत प्यार था और अपने इसी प्रेम के कारण उन्होंने कश्मीर में शालीमार बाग का निर्माण कराया था. साल 1605 के आस-पास जहांगीर ने जनता के लिये कई क़ानूनों में बदलाव करवा दिए थे. इसी के साथ ही नाक, कान काटने जैसी सजायें भी माफ़ की थी. जी दरअसल जहांगीर के शासनकाल में ही हॉकिंस और सर टॉमस जैसे यूरोपीय यात्रियों ने भारत की यात्रा की थी. और कहते हैं जहांगीर को कांगड़ा किले के ज्वालामुखी मंदिर को नष्ट करने का दोषी भी माना जाता है. वैसे जहांगीर ही थे जिनके शासनकाल को चित्रकला का स्वर्णकाल भी कहा जाता है. कहा जाता है वो चित्रकारी के शौक़ीन थे.
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