पढ़-लिख नवाब बनने की जगह आतंकी बन गए ये लोग
आप बचपन से सुनते आ रहे होंगे' पढोगे लिखोगे तो बनोगे होशियार, खेलोगे-कूदोगे तो बनोगे ख़राब' लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता कुछ लोग पढ़ लिख होशियार तो बन जाते है लेकिन काबिल नहीं बन पाते. आज हम आपको ऐसे ही पढ़े-लिखे आतंकियों के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने अपने तेज दिमाग का इस्तेमाल दुनिया की तरक्की के बजाये उसको बर्बाद करने के लिए किया. ओसामा बिन लादेन, याकूब मेमन, अफजल गुरु और कई ऐसे नाम है जो बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल कर आतंकी बन गए. आज हम आपको ऐसे ही होनहार और खूंखार आतंकियों की डिग्री के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने यूनिवर्सिटी के लेक्चर तो अटेंड किये लेकिन समाज कल्याण के ज्ञान की जगह आतंक का ज्ञान ले कर चले आए.
ओसामा बिन लादेन
1998 में अमेरिका पर सबसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने वाले लादेन ने 1979 में सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. उसने किंग अब्दुल्ला अजीज यूनिवर्सिटी से इकॉनोमिक्स और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की हायर एजूकेशन हासिल की थी.
याकूब मेमन
1993 मुंबई बम ब्लास्ट में दोषी पाए जाने के बाद फांसी की सजा पाने वाला याकूब चार्टर्ड अकाउंटेंट था. उसने 'द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया' से यह डिग्री हासिल की थी और उसकी खुद की फर्म भी थी.
अफजल गुरु
इस आतंकी ने 1991 में भारतीय संसद पर हमले को अंजाम दिया था. इसकी शुरुआती पढ़ाई जम्मू-कश्मीर से हुई थी, फिर इसने 'झेलम वेली मेडिकल कॉलेज' में दाखिला लिया और वहां से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की.