यह मंदिर है भोले बाबा का ससुराल, एक महीने के लिए करते हैं निवास
इतिहास में कई ऐसी बताएं हैं जिनके लॉजिक है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव के ससुराल के बारे में. जिसके बारे में बहुत कम व्यक्ति जानते है. जी दरअसल भगवान शिव और माता सती की कथा बहुत ही प्रचलित है, उनके मिलन से लेकर माता सती के अग्नि मे समाने टाका का उल्लेख शिवमहापुराण मे मिलता है. ऐसे में आज हम आपको जिस मंदिर के बारे मे बताने वाले है वह पर एक महीने तक भगवान शिव वास करते हैं. जी हाँ, दरअसल यह मंदिर हरिद्वार के समीप बसे कनखल में दक्षेश्वर महादेव मंदिर है.
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कहा जाता है यह मंदिर माता सती के पिता दक्ष प्रजापति के नाम पर है, लेकिन भगवान शिव को ही यह मंदिर समर्पित है. एक कथा के अनुसार 'अपने पिता की आज्ञा के विरुद्ध भगवान शिव से मटा सती ने विवाह किया था, जिस वजह से दक्ष ने माता सती और भगवान शिव को विराट यज्ञ मे निमंत्रण नहीं भेजा. भगवान शिव के मना करने के बावजूद भी सती अपने पिता के घर गई थी. बिना निमंत्रण के सती वहां गई तो दक्ष ने सती और भगवान शिव का अपमान किया, जिस कारण सती ने स्वयं को ज्वाला मे भस्म कर लिया.'
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कहते हैं 'जब इस बात की जानकारी भगवान शिव को हुई, तो उन्होंने क्रोध में आकर दक्ष का सर काट दिया. लेकिन जब दक्ष द्वारा क्षमा मांगने पर भगवान शिव ने माफ किया तो, बकरे का सिर लगाया उन्हे पुनः जीवन दिया. वैदिक मान्यताओ के अनुसार भगवान शिव श्रावण मास के दिनो मे अपने ससुराल कनखल में एक माह तक रहते हैं. जी दरअसल इस मंदिर में एक यज्ञ कुण्ड अपने स्थान पर ही स्थापित किया गया है, जिसे सती कुंड कहा जाता है है. दक्षा घाट पर मंदिर में आने वाले श्रद्धालु स्नान कर मंदिर मे जाते हैं. मंदिर में भगवान शिव की बड़ी सी मूर्ति है, उनके हाथों में माता सती भी है जो आप भी देख सकते हैं..'
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