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12 अगस्त को है बकरीद, जानिए मनाने का लॉजिक

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आप सभी इस बात से तो वाकिफ ही होंगे कि बकरीद इस्लाम धर्म का खास पर्व है और इस पर्व को मुस्लिम बहुत धूमधाम से मनाते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ये कब और क्यों मनाया जाता है. जी हाँ, दरअसल इस साल यह त्यौहार 12 अगस्त को मनाया जाने वाला है और इसके बारे में इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान में लिखा गया है. जी दरअसल एक दिन अल्लाह ने हज़रत इब्राहिम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांगी और हज़रत इब्राहिम को सबसे प्रिय अपना बेटा लगता था. 

वहीं उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का निर्णय किया और हज़रत इब्राहिम ने अपने बेटे की बलि लेने के लिए उसकी गर्दन पर वार किया. कुरान में लिखा है अल्लाह चाकू की वार से हज़रत इब्राहिम के पुत्र को बचाकर एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी और इसी के बाद से बकरीद मनाई जाती है. कहते हैं बकरा ईद, बकरीद, ईद-उल-अजहा या ईद-उल जुहा सभी नाम से जाना जाता है.

वहीं ईद-उल-ज़ुहा यानि बकरीद हज़रत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है और बकरीद के दिन हज़रत इब्राहिम अल्लाह के हुक्म पर अल्लाह के प्रति अपनी वफादारी दिखाने के लिए अपने बेटे हज़रत इस्माइल को कुर्बान कराने के लिए राजी हुए थे. इसी कारण बकरीद मनाई जाती है. वहीं ऐसी मान्यता है कि ईद-उल-ज़ुहा (बकरीद) का यह पर्व इस्लाम के पांचवें सिद्धान्त हज को भी मान्यता देता है और इस दिन इस्लाम धर्म के लोग  किसी जानवर जैसे बकरा, भेड़, ऊंट आदि की कुर्बानी देते हैं. वहीं बकरीद के दिन कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है जिनमे एक खुद के लिए, दूसरा सगे-संबंधियों के लिए और तीसरा गरीबों के लिए. 

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