इन्दौरी तड़का : बड़े इंदौर वाले खाने के लिए बस सराफा, अपना और गुरुकृपा जाते है
बड़े खाने के प्रेमी सबसे जादा इंदौर में ही मिलते है और इंदौर वालो को खाने से इत्ता भेंकर वाला प्यार है की ये दिन भर अगर कहीं पे मिलेंगे तो बीएस सराफा, गुरुकृपा, अपना पे ही मिलेंगे। बड़े इंदौर वालो को ये सब जगे इत्ती पसंद है की बस अरे बड़े और तो और 56 पे तो ऐसे भरे पड़े रेते है सब के सब की क्या बोलो। 56 तो पुरे टेम भरा ही पड़ा रेता है। बड़े खाने के सबसे जादा प्रेमी इधर ही भरे पड़े है अपने इंदौर में अपने इंदौर वालो को मजे में खाने का ऐसा शौक है कि क्या बोलो। मतलब खाना सबमे पेले होना बाकी काम जाए भाड़ में। बड़े खाने के लिए अपने इंदौर की हर दूकान हर समे भरी ही मिलेगी, भरी वो बी ऐसी खचाखच भरी की क्या बतऊ।
मतलब ऐसा लगता है भगवान ने सारे भुक्खड़ों को यई लाके पटक दिया है और सब यां पे आके जमके पेले जा रिए है। बड़े कसम से यां पे खाने वालो का जमावड़ा लगा ही रेता है हर दिन हर समे हर टेम। बड़े मतलब खाना हो तो यां पे बस अपना, 56, सराफा, गुरुकृपा ही नजर आता है और मेरेको तो बस कोई बी नुक्क्ड़ पे चिली पनीर और चाउमीन वाला मिल जाए बस गुजारा हो जाता है मेरा।
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