इन्दौरी तड़का : फालतू के लोग भिया तुमको यहाँ पे ही मिलेंगे
हाँ बड़े तुमको अगर फ़ालतू के लोग चिए है तो वो तुमको यहीं पे मिलेंगे। और ऐसे ऐसे फ़ालतू के लोग मिलेंगे की क्या बोलूं। सब फ्री ही रेते है यहाँ पे कोई काम धाम है ही ना लोगो को। यहाँ पे भोत से ऐसे लोग तुमको मिल जाएंगे जो दिनभर बस फ़ालतू के काम करते रेते है। बड़े यहाँ के लोगो की तो ज़िंदगी ही फ़ालतू के कामों में निकलनी है। बड़े कोई फ़ालतू की मट्ठेगीरी करता है तो कोई दादागिरी, कोई स्कूल से भग जाता है तो कोई फ़ालतू के लफड़े में पड़े रेता है। भिया छोटे से लेके बड़े तक सब के सब यहाँ पे ऐबले है। कोई किसी की सुनता बी नी है ज्यादा हो तो मगजमारी कर लेंगे लेकिन सुनेगे नी। बड़े क्या क्या बतउ सब के सब ऐसे ही पड़े है।
फ़ालतू लोग और गुस्से वाले लोग बी यहां पाए जाते है जितना गुस्सा यहाँ के लोगों को आता है उत्ता कोई और को आ जाए तो बोलो। बड़े गुस्सा बी ऐसा आता है यहाँ के लोगों को की उठा उठा के पटक ही दें सबको। बड़े यहाँ के लोगों की ज़िंदगी है ही ऐसी। कोई फ़ालतू में जिए जा रा है और कोई दादागिरी में, कोई अपने काम से मतलब रखता है और कोई दूसरे के फ़टे में टांग अड़ा देता है। बड़े यहाँ के लोग सब के सब ऐबले है ऐबले ।
इन्दौरी तड़का : बड़े जिंदगी के असली मजे तो आजकल के बच्चे ले रिए है
इन्दौरी तड़का : इन्दौरी हो और बात पेट में पच जाए हो ही नी सकता बड़े